भारतPosted at: Sep 30 2020 9:58PM ट्विटर के खिलाफ दायर जनहित याचिका वापस
नयी दिल्ली 30 सितंबर (वार्ता) दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर के खिलाफ दायर जनहित याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करने से इन्कार करने के बाद बुधवार को इसे वापस ले लिया गया।
याचिकाकर्ता ने खालिस्तान आंदोलन जैसे भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने की साजिश में कथित रूप से शामिल होने का आरोप लगाते हुए ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को जनहित याचिका वापस लेने और केंद्र सरकार के समक्ष एक उचित प्रत्यावेदन दाखिल करने की अनुमति प्रदान कर दी।
याचिकाकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की थी और ट्विटर और उसके प्रतिनिधियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत देश के खिलाफ देशद्रोह और युद्ध छेड़ने के लिए मामला दर्ज करने का अनुरोध किया था।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की युगल पीठ ने कहा कि याचिका एक संसद सदस्य के दावे और समाचार रिपोर्टों के आधार पर की गई है तथा सरकार के समक्ष कोई मुद्दा नहीं रखा गया है। अदालत ने याचिकाकर्ता को अदालत आने से पहले अपनी शिकायतों का उचित प्रत्यावेदन के साथ सरकार से संपर्क करने के निर्देश देते हुए पीआईएल वापस लेने की अनुमति दी।
संजय.श्रवण
वार्ता