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भारत


टकराव की बजाय कोविड 19 से जनता को बचाने के समन्वित प्रयास हों : भारत

नयी दिल्ली, 01 अप्रैल (वार्ता) कोविड 19 की महामारी को लेकर पश्चिमी ताकतों एवं चीन के बीच टकराव की आहट के बीच भारत ने आज कहा कि इस वैश्विक आपात स्थिति में दुनिया का ध्यान जनता को इस घातक विषाणु के शिकंजे से बचाना होना चाहिए, ना कि टकराव की दिशा में बढ़ना।
सूत्रों ने आज यहां एक सवाल के जवाब में यह बात कही। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोविड 19 पर चर्चा के प्रस्ताव को कथित रूप से चीन द्वारा रोके जाने और चीन के खिलाफ कई देशों की लामबंदी के बारे में एक सवाल पर सूत्रों ने कहा कि इस समय दुनिया भर में वैश्विक आपात स्थिति है और इससे निपटने के लिए विश्व के सभी देशों के समन्वय से प्रयास होना चाहिए जिससे विश्व की जनता को इस घातक विषाणु से बचाया जा सके।
सूत्रों ने कहा कि भारत ने पहल करके दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) और जी-20 देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करके इस मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया है। जहां तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बात है तो वह उसके सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि वे क्या निर्णय लें।
सूत्रों के अनुसार भारत ने विदेश मंत्रालय में कोविड 19 प्रकोष्ठ का गठन किया है जो मुख्य रूप से तीन स्तरीय रणनीति पर काम कर रहा है। पहला स्तर विदेशों में फंसे भारतीय लोगों को बाहर निकालने के प्रयास हैं और दूसरा स्तर द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से कोरोना से निपटने के बारे कारगर एवं प्रभावी उपायों को जानना है। तीसरे स्तर पर कोविड 19 के लिए सातों दिन चौबीसों घंटे काम करने वाली हेल्पलाइन खोलना है। इस प्रकोष्ठ की कमान विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव दामू रवि के हाथ में हैं और 75 अधिकारी इस टीम में जी-जान से जुटे हैं।
भारत ने कोविड 19 से मुकाबले के लिए आवश्यक सामग्री को लेकर भी कोई शर्त नहीं लगायी है। सूत्रों के अनुसार सरकार वेंटीलेटर, सर्जिकल मास्क, पर्सलन प्रोटेक्शन इक्विप्मेंट (पीपीई) किट आदि के स्रोतों के बारे में जहां भी उपलब्ध हों, वहां से हासिल करने की नीति पर काम कर रही है। चीन से ऐसे सामान खरीदने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चीन से दो प्रकार से सामग्री आ रही है। एक दान के रूप में और दूसरे वाणिज्यिक आधार पर। इसे लेकर कोई शर्त नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने इस वैश्विक आपदा को लेकर दुनिया भर में होने वाली चिकित्सीय, वैज्ञानिक अनुसंधान, राजनीतिक, आर्थिक, हर गतिविधि पर पैनी नज़र रखी हुई है और दुनिया को हर संभव तरीके से टकराव से बचाने के प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने मिशन प्रमुखों की बैठक में यही संदेश दिया।
सचिन जितेन्द्र
वार्ता
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