राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Nov 12 2019 10:21PM डीएचएफएल ने अदालत से मांगी भुगतान की अनुमतिलखनऊ, 12 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा लौटाने के लिए डीएचएफएल ने उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी है। कंपनी ने अदालत से सावधि जमा पर ब्याज व मूलधन के भुगतान पर लगी रोक हटाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि वह कर्मचारियों का पैसा वापस करने को लेकर प्रतिबद्ध है। मुंबई उच्च न्यायालय ने रिलायंस निप्पोंन की ओर से दायर एक याचिका के आधार पर बीते महीने डीएचएफएल को किसी तरह का भुगतान किए जाने पर रोक लगा दी थी। अब डीएचएफएल ने मुंबई उच्च न्यायालय से अपनी जमा योजनाओं के भुगतान की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया है। रिलायंस निपप्पान की याचिका पर अपना अंतरिम जवाब देते हुए डीएचएफएल ने कहा कि कंपनी के नियामक नेशनल हाउसिंग बैंक के निर्देशानुसार सार्वजनिक जमा पर भुगतान करना जरूरी है। डीएचएफएल ने एक शपथपत्र दाखिल कर सोमवार को उच्च न्यायालय से परिपक्वता पर सार्वजनिक जमा पर भुगतान की मंजूरी मांगी है। इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होनी है। डीएचएफएल का कहना है कि उसने इस साल 30 सितंबर तक परिपक्वता पर पावर सेक्टर एम्पलाईज ट्रस्ट को नियमित रूप से ब्याज और मूलधन का पूरा भुगतान किया है।प्रदीपजारी वार्ता