Friday, Apr 26 2024 | Time 03:24 Hrs(IST)
image
राज्य » गुजरात / महाराष्ट्र


डाॅक्टर को डेढ़ वर्ष की सजा, 10000 का जुर्माना

उस्मानाबाद 06 दिसंबर (वार्ता) महाराष्ट्र की एक अदालत ने गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) 1994 के उल्लंघन के कारण एक डॉक्टर को डेढ़ साल के कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
राज्य के उस्मानाबाद जिले के भूम में जिला एवं सत्र न्यायालय ने सोमवार को वाशी अदालत के प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के फैसले को बरकरार रखते हुए इस आशय का फैसला सुनाया।आरोपी की पहचान वाशी के भगवती अस्पताल के डॉक्टर तुकाराम करडे के रूप में हुई है।
डॉक्टर करडे पर 1994 के पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
इससे पहले इस मामले में वाशी के तत्कालीन प्रथम दंडाधिकारी ने करडे को एक साल, छह महीने की कैद और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
वहीं इस फैसले के खिलाफ भूम की जिला एवं सत्र अदालत में याचिका दायर की गई थी।
इस मामले में सरकारी पक्ष और डॉक्टर करडे का पक्ष सुनने के बाद आरोपी द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया गया ।
भूम के जिला एवं सत्र न्यायालय ने वाशी में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई एक वर्ष और छह महीने की कैद और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा को बरकरार रखा है।
अतिरिक्त सरकारी अभियोजक वकील सरकार की ओर से किरण कोलपे पेश हुईं।
इस मामले में जिला सर्जन डॉक्टर डी.के. पाटिल, डॉक्टर दत्तात्रेय खुने, डॉक्टर सचिन बोडके, पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ के कानूनी सलाहकार, वकील रेणुका शेट्टी ने विशेष सहायता प्रदान की।
डॉक्टर धनंजय पाटिल, जिला सर्जन एवं जिला उपयुक्त प्राधिकरण (पीसीपीएनडीटी) ने उस्मानाबाद जिले के सभी सोनोग्राफी धारकों एवं एमटीपी धारकों से अपील की है कि कहीं कोई कदाचार एवं कानून का उल्लंघन न हो।
त्रिपाठी.संजय
वार्ता
image