बिजनेसPosted at: Jan 27 2021 10:22PM तकनीक ने लोगों की जीवन शैली को सहज बनाया
नयी दिल्ली 27 जनवरी (वार्ता) गोदरेज के वेंचर स्क्रिप्ट अध्ययन ‘ए न्यू सेंस ऑफ प्लेस’ में खुलासा किया गया है कि टेक्नोलॉजी ने देश के विभिन्न शहरों में अलग-अलग पीढ़ी के लोगों को सुविधाजनक ढंग से काम करने में ढाल लिया है। देश की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी इंटरनेट से जुड़ी है। इससे किसी भी जगह पर बैठे हुए किसी कार्य को करने को अब ज्यादा बेहतर ढंग से पारिभाषित किया जा सकता है।
इस अध्ययन से पता चलता है कि हर पांच में से एक व्यक्ति किराने के सामान का ऑर्डर अपने घरों में बेड पर लेटे हुए या टीवी देखते हुए देता है। यहां तक कि लोग यात्रा करते हुए अपने स्मार्टफोन से अपने घरों में किराने का सामान या अपने काम की दूसरी मनपसंद चीजों के ऑर्डर देते हैं।
स्क्रिप्ट के बिजनेस हेड रजत माथुर ने कहा, “तकनीक ने हमें रहन-सहन की वह आजादी दी है, जो पहले लोगों को हासिल नहीं थी। मौजूदा दौर के कनेक्टेड ग्राहकों के लिए अब उनका मोबाइल फोन प्राइमरी स्क्रीन बन गया है। एक ब्रैंड के तौर पर स्क्रिप्ट का लक्ष्य हमेशा से लोगों को आरामदायक और सुविधाजनक रहन-सहन का अनुभव पाने में सक्षम बनाना है। आज के दौर में लोगों पर कोई बंधन नहीं है और वह काफी सशक्त हैं। इससे वह हर पल अपने मूड, आदत और मन मुताबिक किसी भी भूमिका या पहचान का चुनाव कर सकते हैं। हम जिन भौतिक जगहों पर रहते हैं, आज उन्हें अच्छी तरह पारिभाषित किया जा चुका हैं और यह मल्टीटास्किंग जेनरेशन के मूड के मुताबिक उभरी है”
श्री माथुर ने कहा पिछले करीब एक दशक से तकनीक ने अग्रिम मोर्चा संभाल लिया है। तकनीक ने भारतीयों के जीवन जीने की कला और जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाया है। डिजिटल लाइफस्टाइल ने उनकी जिंदगी को काफी आरामदायक बना दिया है। हर क्षेत्र में होने वाले महत्वपूर्ण बदलाव ने हमारी जिंदगी को हमारी कल्पना से भी अधिक साधारण और आरामदेह बना दिया है। इसके लिए मौजूद संसाधनों का आदर्श उपयोग मुख्य मंत्र बन गया है।
उप्रेती.संजय
वार्ता