नयी दिल्ली, 07 जुलाई (वार्ता) एक दैनिक अखबार के पत्रकार तरुण सिसोदिया की खुदकुशी की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर मंगलवार को यहां पत्रकारों ने प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शन कर शांति मार्च निकाला।
तरुण के साथी पत्रकार ने बताया कि एम्स में इलाज के दौरान उसने हत्या की आशंका व्यक्त की थी जिसको लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों ने तरुण की मौत पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने तरुण की असमय मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने आज कहा,‘‘ पत्रकार तरुण सिसोदिया जी की असमय मृत्यु अत्यंत दुखद एवं व्यथित करने वाली घटना है। यह एक अपूरणीय क्षति है। इस घटना से मैं अत्यंत दुखी हूं। घटना की जांच के आदेश दे दिये गये हैं। मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने युवा पत्रकार की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सोमवार को एम्स के निदेशक को इस घटना की आधिकारिक जांच के आदेश दिये थे। इस आदेश के बाद एक उच्च स्तरीय समिति का गठन हुआ जिसे 48 घंटे में पूरी रिपोर्ट देनी है। इस जांच समिति में एम्स के न्यूरोसाइंस सेंटर की प्रमुख प्रोफेसर एम वी पद्मा श्रीवास्तव, मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आर के चड्ढा, उप निदेशक (प्रशासन) शुभाशीष पांडा और फिजिकल मेडिसिन तथा रिहैब के प्रमुख डॉ यू सिंह शामिल हैं।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमित सिसोदिया ने सोमवार को एम्स के ट्रामा सेंटर की चौथी मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली। उनकी खुदकुशी के बाद कई तरह के सवाल उठने लगे। इस घटना को लेकर उठ रहे सवालों के बीच एम्स की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया है जिसमें उन्होंने बताया है कि तरुण को कोरोना के लक्षणों के चलते आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत में सुधार हो रहा था और जल्द ही उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट करने की तैयारी थी। तरुण ने दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर अचानक अपने बेड से उठकर चौथी मंजिल की तरफ जाने लगे। इसे देखकर अस्पताल के कर्मचारी भी उनके पीछे गया, लेकिन वो ऊपर की तरफ तेजी से भागे और कांच की खिड़की को तोड़ते हुए नीचे कूद गए। इसके तुरंत बाद उन्हें ट्रामा सेंटर के आईसीयू ले जाया गया, लेकिन चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई।
आजाद टंडन
वार्ता