राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Nov 19 2018 9:04PM दुधवा नेशनल पार्क की सुरक्षा के मामले में उच्च न्यायालय गंभीरलखनऊ 19 नवम्बर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने दुधवा नेशनल पार्क की सुरक्षा के मामले में गम्भीर रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जानना चाहा है कि क्यो न दुर्लभ वन्यजीवो एवं कीमती लकड़ी आदि की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया जाए । अदालत ने इस सुरक्षा के मुद्दे पर कहा है कि नेपाल भारत सीमा पर स्थित दुधवा नेशनल पार्क में क्या सीमा सुरक्षा बल तैनात की जा सकती है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार से इस मामले में जानकारी तलब की है । न्यायमूर्ति ए आर मसूदी की खंडपीठ ने अभियुक्त प्रेम सिंह की जमानत अर्जी पर सोमवार को यह आदेश दिए । सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में आया कि नेपाल भारत सीमा पर स्थित दुधवा नेशनल पार्क में अराजक तत्व बड़ी संख्या में इकट्ठे होते है। यह भी कहा गया कि पार्क में करीब 500 हथियार बन्द लोग बेश कीमती लकड़ी काट रहे थे तथा वन्य जीवों के रहन सहन में भी दखल दे रहे थे । अदालत में यह भी कहा गया कि सीमा पर स्थित होने के कारण विदेशी आतंकी और हथियार बन्द लोग आकर लकड़ी तथा वन्य जीवों की तस्करी करते हैं । सुनवाई के समय जानकारी हुई कि 11 जून 2011 को लगभग 500 हथियार बन्द बदमाश दुधवा नेशनल में लकड़ी और जीवों को नुकसान पहुंचा रहे थे । कहा कि वनविभाग के लोग सुरक्षा नही कर पा रहे । यह भी कहा गया कि इससे कीमती लकड़ी और दुर्लभ वन्य जीवों को नुकसान पहुंच रहा है । न्यायालय ने कहा जनहित में सुरक्षा के बावत बीएसएफ को तैनात करना जरूरी दिख रहा है । अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए 28 नवम्बर कि तारीख नियत की है ।सं त्यागीवार्ता