नयी दिल्ली 28 जनवरी (वार्ता) कांग्रेस सहित करीब 16 विपक्षी दलों के नेताओ ने तीनों कृषि कानूनों को किसानों के हितों पर हमला बताते हुए आंदोलन को सही ठहराया और कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा साजिश का हिस्सा है तथा इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, आरएसपी एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित 16 के नेताओं ने कहां की तीनों कानून किसानों पर थोपा जा रहा है और इसके विरोध में वे सभी दल संसद के बजट सत्र से पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संयुक्त सदन में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे।
बयान में कहा गया है कि किसान मिलकर तीन खेती विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार इन कानूनों को मनमाने ढंग से किसानों पर थोपकर लागू कर दिए हैं। ये कानून कृषि के लिए बड़ा खतरा हैं और इनसे करीब 60 प्रतिशत जनता एवं करोड़ों किसान, बंटाईदार और खेत मजदूर की आजीविका तबाह हो जाएगी।
बयान के मुताबिक किसानों का आंदोलन 64 दिनों से चल रहा है और इस दौरान 155 किसानों की जान जा चुकी है। यह आंदोलन प्रायः शांतिपूर्वक रहा लेकिन दुर्भाग्य से 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा की कुछ घटनाएं हुईं जिनका हर जगह एक स्वर और स्पष्ट रूप से निंदा हुई।
अभिनव.संजय
जारी.वार्ता