नयी दिल्ली, 23 जनवरी (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की ।
दरअसल निचली अदालत ने उनके खिलाफ 10 करोड़ रूपए की संपत्ति को गलत तरीके से अर्जित के मामले में आरोप तय करने संबंधी केन्द्रीय जांच ब्यूरो को निर्देश दिए थे और इसके खिलाफ उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
गौरतलब है कि निचली अदालत ने 10 दिसंबर,2018 के अपने आदेश में कहा था कि वीरभद्र सिंह ने इस बेहिसाब धन को सेब की बिक्री से हुई आय के रूप में पेश करके कर राजस्व को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है और 29 जनवरी को उनकी पत्नी व सात अन्यों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश भी दिया था। इसे रद्द करने की मांग को लेकर श्री सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
अन्य आरोपियों में एलआईसी एजेंट आनंद चौहान, चुन्नी लाल चौहान, जोगिंदर सिंह गलता, प्रेम राज, वकामुल्ला चंद्रशेखर, लवन कुमार रोच और राम प्रकाश भाटिया के नाम भी हैं।
अदालत ने टिप्पणी की थी श्री सिंह और आनंद चौहान ने धोखे और बेईमानी से एक सहमति पत्र (एमओयू) पर पहले से हस्ताक्षर किये थे ताकि उसे 15 जून 2008 को हस्ताक्षरित दिखाया जा सकें। अदालत ने यह भी कहा था कि, आय से अधिक धन को वैध दिखाने के लिए इस दस्तावेज को सेब की बिक्री के रूप में बनाया गया है, इसलिए उन पर जालसाजी करने संबंधी आराेप तय किए जा सकते हैं।
इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने श्री सिंह के केंद्रीय मंत्री होने के दौरान उनकी आय के ज्ञात स्रोत के करीब 10 करोड़ रुपये में 192 फीसदी वृद्धि होने का आरोप लगाया गया था।