नयी दिल्ली 11 दिसंबर (वार्ता) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को दिवाला और दिवालियापन संहिता (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में ‘दिवाला और दिवालियापन संहिता (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019’ के जरिए ‘ दिवाला और दिवालियापन संहिता 2016’ में अनेक संशोधन करने के प्रस्ताव का अनुमाेदन किया गया। संशोधन का लक्ष्य संहिता के उद्देश्यों की पूर्ति करना तथा कारोबार में और अधिक सुगमता सुनिश्चित करने के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया में आ रही विशेष कठिनाइयों को दूर करना है।
संशोधन विधेयक का उदेश्य कई धाराओं में संशोधन करने के साथ-साथ दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 में एक नई धारा 32ए को शामिल करना है। संहिता में संशोधन से बाधाएं दूर होंगी, सीआईआरपी सुव्यवस्थित होगी और अंतिम विकल्प वाले वित्तपोषण के संरक्षण से वित्तीय संकट का सामना कर रहे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी ) शुरू करने में होने वाली गड़बड़ियों की रोकथाम के लिए व्यापक वित्तीय कर्जदाताओं के लिए अतिरिक्त आरंभिक सीमा शुरू की गई है जिनका प्रतिनिधित्व एक अधिकृत प्रतिनिधि करेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कॉरपोरेट कर्जदार के कारोबार का आधार कमजोर न पड़े और उसका व्यवसाय निरंतर जारी रहे। इसके लिए यह स्पष्ट किया जाएगा कि कर्ज स्थगन अवधि के दौरान लाइसेंस, परमिट, रियायतों, मंजूरी इत्यादि को न तो समाप्त अथवा निलंबित या नवीकरण नहीं किया जा सकता है।
सत्या
वार्ता