नयी दिल्ली 03 जुलाई(वार्ता) केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री आर. के. सिंह ने शुक्रवार को कहा कि देश की ग्रिड प्रणाली दुनिया की बेहतर ग्रिड प्रणालियों में से एक है जिसकी क्षमता का एक आकलन गत पांच अप्रैल को तयशुदा समय में बिजली काटने के दौरान देखी गई।
श्री सिंह ने बताया कि इस बहुत ही छोटी अवधि के दौरान बिजली की मांग में तेज गिरावट और मांग में जबरदस्त तेजी की स्थिति को संभाला गया। उन्होंने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब बिजली क्षेत्र में बड़ी चुनौती बिजली वितरण कंपनियों को व्यवहार्य बनाना और देश को बिजली क्षेत्र से संबंधित उपकरणों के विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने उर्जा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित आत्म-निर्भर भारत अभियान की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्हाेंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से घोषित पैकेज के तहत 31 मार्च, 2020 तक हुई घाटे की भरपाई के लिए डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये तक दिए गए। इसके तहत राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 93,000 करोड़ रुपये की मांग की गई है जिसमें से अब तक 20,000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है जबकि शेष मांगों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में ऊर्जा उपकरणों के लिए देश का आयात बिल लगभग 71,000 करोड़ रुपये का था जबकि ऊर्जा क्षेत्र की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारे पास विनिर्माण सुविधा और क्षमता है।
टंडन, संतोष
जारी वार्ता