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दुष्कर्म एवं वैश्यावृत्ति कराने के आरोपी को उम्रकैद

फिरोजाबाद 19 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद की एक अदालत ने तीन नाबालिग बालिकाओं का व्यपहरण, दुष्कर्म एवं वैश्यावृत्ति कराने के आरोपी को आजीवन कारावास एवं 47 हजार रूपये जुर्माने की सजा से दण्डित किया। जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष व डेढ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जुर्माने की 50 प्रतिशत धनराशि तीनों पीड़िताओं के हितार्थ दी जाएगी।
मामला फिरोजाबाद जिले के थाना दक्षिण से जुड़ा है। पीड़िता द्वारा दिनांक 30 दिसम्बर 2016 को दी गयी तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गयी। घटना में तीन पीड़िताओं को जिक्र करते हुए कहा है कि एक पीड़िता छत्तीसगढ राज्य के बारपुरा की रहने वाली है। मात्र सात वर्ष की आयु में वह वर्ष 2011 में 26 जनवरी मनाने गयी थी जहां से उसका अपहरण कर लिया गया। दूसरी पीड़िता को अपने माता पिता का ही ज्ञान नहीं है क्योंकि जब वह 4-5 वर्ष की थी तब बहन के साथ बाजार जाते समय उसका अपहरण हो गया था। तीसरी पीड़िता पीड़िता जब वह 3-4 वर्ष की थी स्कूल 15 अगस्त पर गयी थी तभी कोई आन्टी कपड़ा दिलानें के बहाने बहला फुसला कर ले गयी।
उक्त तीनों पीड़िताओं को अलग-अलग तरीके से अलग अलग लोगों द्वारा ले लाकर विभिन्न प्रदेशों व जिलों में जगह-जगह रखा गया और जबरन उनके साथ मारपीट, दुष्कर्म किया जाता रहा और वैश्यावृत्ति करायी जाती रही। अन्त में फिरोजाबाद के थाना दक्षिण क्षेत्र बदनाम गली में राधारानी के सुपुर्द कर दिया।
राधारानी के तीन लडके जिनमें अभियुक्त लाला सुशील निवासी राधा गली थाना दक्षिण फिरोजाबाद सहित उनके साथ जबरदस्ती करते और मारपीट करते तथा जबरन वैश्यावृत्ति कराते थे। तीनों पीड़िताऐं वहाॅ से भाग निकली और टूण्डला स्टेशन पर गयी। वहाॅ से गाॅव वालों ने 100 नम्बर पर फोन किया तब पुलिस थाना टूण्डला उन्हें लेकर थाना दक्षिण लायी और कार्यवाही की।
पुलिस ने अभियोग दर्ज कर विवेचना उपरान्त आरोपी के विरूद्व आरोप पत्र अन्तर्गत धारा 370, 372, 342, 323, 504 आईपीसी एवं धारा 5 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत न्यायालय प्रेषित किया। मुकदमें की सुनवाई एवं निस्तारण अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम मृदुल दुबे की न्यायालय में की गयी। न्यायालय ने आरोप लगाया और अभियुक्त ने आरोप से इन्कार करते हुए सत्र परीक्षण की माॅग की। न्यायालय में तमाम गवाहों के ब्यान दर्ज किये गये। शासन की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अजमोद सिंह चैहान ने केस को साबित करने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम नजीरें पेश की।
सं प्रदीप
वार्ता
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