नयी दिल्ली, 01 मार्च (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी से सोमवार को पूछा कि क्या वह पीड़िता से विवाह करने को तैयार है? न्यायालय ने साथ ही याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी से चार सप्ताह की राहत दी।
लड़की ने महाराष्ट्र राज्य सरकार के एक कर्मचारी पर शादी के झूठे वादे के बहाने बलात्कार करने का आरोप लगाया था।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त से पूछा कि क्या वह पीड़िता से शादी कर सकता है? न्यायालय ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को अगले चार सप्ताह तक गिरफ़्तार नहीं किया जाये।
खंडपीठ ने अभियुक्त से पूछा, “अगर आप (पीड़िता से) शादी करना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आपकी नौकरी चली जाएगी, आप जेल जाएंगे। आपने लड़की के साथ छेड़खानी की है, उसके साथ बलात्कार किया है।”
याचिकाकर्ता मोहित सुभाष चव्हाण महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिक प्रोडक्शन कंपनी (एमएसईपीसी) में बतौर टेक्नीशियन कार्यरत हैं।
सुरेश
वार्ता