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दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, 37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे- शिवराज

दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, 37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे- शिवराज

भोपाल,18 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रदेश के 37 जिलों में ऑक्सीजन के प्लांट लगेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के संभागायुक्तों, प्रभारी अधिकारियों से कोरोना संक्रमण पर चर्चा करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जन-प्रतिनिधियों से निरंतर परामर्श किया जाए। उनसे प्राप्त सूचनाओं पर संभागायुक्त त्वरित कार्रवाई करें। प्रदेश में सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करते हुए पॉजिटिविटी रेट घटाने के पूरे प्रयत्न हों। किस अस्पताल में कितने बेड हैं, इसकी जानकारी प्रचार माध्यमों के साथ ही हिन्दी एप के माध्यम से भी दी जाए। समाजसेवी संगठनों को जोड़कर लोगों की मदद के लिए प्रेरित किया जाए। कोरोना संक्रमित लोग कोविड केयर सेंटर से लाभान्वित हों। होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगियों से चिकित्सक सम्पर्क में रहें और जरूरी मार्गदर्शन देते रहें। औषधियों और इंजेक्शन के वितरण की न्यायपूर्ण व्यवस्था हो। इनकी कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई हो।

इस समीक्षा बैठक में बताया गया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति इस माह के आखरी तक 700 मीट्रिक टन हो जाएगी। आज प्रदेश को 390 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुई है। प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति निरंतर बढ़ रही है। टेंकर्स की संख्या भी अब 46 हो गई है। प्रदेश के 37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे। ये प्लांट आगामी एक से तीन माह में स्थापित करने की तैयारी है। इससे भविष्य की दिक्कतें समाप्त होंगी। पीआईयू और कार्य एजेंसी इन संयंत्रों के लिए स्थल चयन करें, तेजी से कार्य सम्पन्न हो।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में संभागों को आज 17 हजार इंजेक्शन भेजे जा चुके हैं। संभागों से जिलों तक इनका वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। आज हैटरो हैल्थकेयर लिमिटेड से भी इंजेक्शन आपूर्ति के संबंध में चर्चा हुई है। कंपनी को एक लाख इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए कहा गया है। इसके पूर्व मॉयलॉन लैब ने भी इंजेक्शन की आपूर्ति की है। निरंतर अनुश्रवण से परिणाम मिल रहे हैं और मध्यप्रदेश को होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति में निरंतर वृद्धि हुई है।

इस मौके पर श्री चौहान ने कहा कि जाँच रिपोर्ट 24 घंटे में उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए। टेस्ट रिपोर्ट आने तक जाँच करवाने व्यक्ति को आइसोलेशन में रहना है, यह परामर्श दिया जाए। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रयासों में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। ऐसे निर्धन परिवार, जो होम आइसोलेशन में हैं यदि उनके लक्षण गंभीर होते हैं तो प्राथमिकता से कोविड केयर सेंटर ले जाया जाए। इन केन्द्रों में चाय, नाश्ता, भोजन उपलब्ध करवाया जाए। रोगियों की पूरी देखभाल की जाए। रोगियों को एक अस्पताल से दूसरे में न जाना पड़े, इसके लिए बेड की उपलब्धता प्रदर्शित करें। निर्धारित नंबरों पर नागरिकों को जानकारी मिलना चाहिए। गंभीर रोगियों को सभी जिले में प्रशासनिक अधिकारी अथवा अस्पताल द्वारा उपचार देने में पूरा सहयोग प्रदान किया जाए।

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन और औषधियों के आवश्यक प्रबंध के लिए गुजरात, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की है। सभी राज्यों से सहयोग मिल रहा है। मध्यप्रदेश में उड़ीसा और छत्तीसगढ़ से भी ऑक्सीजन आपूर्ति में सहयोग मिला है। संकट के दौर में सभी राज्यों में परस्पर सहयोग और समन्वय की भावना है। उन्होंने कहा कि सभी संभागों में रोगियों की संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन के न्यायपूर्ण वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित हो।

कमिश्नर भोपाल ने बताया कि संभाग में टेस्टिंग और ट्रीटमेंट का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। कल भोपाल में 8566 टेस्ट हुए हैं। जबलपुर कमिश्नर को मेडिकल कॉलेज जबलपुर में आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए स्थान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। टेस्ट क्षमता में वृद्धि के लिए कमिश्नर रीवा को भी निर्देशदिए गए। कमिश्नर सागर को संभाग के सभी जिलों में जाँच और उपचार की सुविधाओं को बढ़ाने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में सागर में 500 बेड क्षमता है। अभी 398 बेड का उपयोग हो रहा है। कमिश्नर इंदौर ने बताया कि इंदौर में 7400 बेड उपलब्ध हैं, वर्तमान में 6422 बेड का ही उपयोग हो रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रजेंटेंशन में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में 12 हजार 248 रोगी हैं। रिकवर हुए रोगियों की संख्या 6497 है। एक्टिव केस 4,706 हैं। देश में मध्यप्रदेश के 4.4 प्रतिशत रोगी हैं। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट बीस है लेकिन रिकवर होकर रोगी घर आ रहे हैं। भोपाल, इंदौर में अभी केस स्थिर हैं। लेकिन नियंत्रण की चुनौती का सामना कर सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक चल रहे हैं। अब चलित फीवर क्लीनिक के संचालन की तैयारी भी की गई है। नागरिकों के घर तक सैम्पल लेने के लिए वाहन पहुँचेंगे। रैपिड टेस्ट के पश्चात पॉजीटिव परिणाम पर संबंधित व्यक्ति को वहीं किट भी प्रदान की जाएगी। साथ ही होम आयसोलेशन के संबंध में भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। जबलपुर और रीवा संभाग में रेपिड टेस्ट की क्षमता बढ़ाएंगे। इसी तरह विंध्य अंचल में व्यवस्थाएँ बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी रीवा में 1500 प्रतिदिन की टेस्ट क्षमता को 2000 तक ले जाने का प्रयास है। संभाग में लेब की सुविधा बढ़ाएंगे। इसके साथ ही सिंगरौली में अधिक टेस्ट हो सकें, इसके भी प्रयास करेंगे।

विश्वकर्मा

वार्ता

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