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निजी एजेंसियाँ भी कर सकेंगी उपग्रहों का प्रक्षेपण

निजी एजेंसियाँ भी कर सकेंगी उपग्रहों का प्रक्षेपण

नयी दिल्ली 26 जून (वार्ता) देश में उपग्रह प्रक्षेपण तथा अन्य अंतरिक्षीय गतिविधियों के लिए अब तक निजी एजेंसियों को अनुमति नहीं है, लेकिन जल्द ही ऐसा संभव हो सकेगा।

देश में अब तक सिर्फ सरकारी एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को ही अंतरिक्षीय गतिविधियों की अनुमति है। इसरो हालाँकि अपने काम के लिए निजी एजेंसियों तथा संस्थानों का सहयोग लेता है और उसका प्रयास देश के निजी क्षेत्र में अंतरिक्ष क्षमता के विकास का है।

अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बुधवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ‘अंतरिक्ष गतिविधि विधेयक’ का मसौदा तैयार कर रही है जिसमें अंतरिक्षीय गतिविधियों के लिए निजी क्षेत्र को एजेंसी बनाने और उपग्रहों के प्रक्षेपण आदि की अनुमति होगी। विदेशों में निजी एजेंसियाँ पहले से ही अंतरिक्षीय गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं।

डॉ. सिंह ने बताया कि विधेयक का मसौदा अभी विधायी मशविरा प्रक्रिया से पहले की स्थिति में है। इसमें निजी एजेंसियों की जिम्मेदारियाँ, उनके लिए शर्तें तथा उनकी गतिविधियों से किसी प्रकार के नुकसान की स्थिति में होने वाली कार्रवाई और हर्जाने के बारे में नियम तय किये जायेंगे। ये नियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगे।

इस समय दुनिया में जो निजी अंतरिक्ष एजेंसियाँ काम कर रही हैं उनमें फ्रांस की कंपनी एरियन स्पेस सबसे बड़ी है। यह दुनिया की पहली निजी अंतरिक्ष एजेंसी है। इसरो भी दो टन से ज्यादा वजन वाले उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए कई बार इसकी सेवा का उपयोग कर चुका है।

 

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