राज्यPosted at: Apr 24 2018 10:57PM निजी क्षेत्र खनिजों के अन्वेषण के क्षेत्र में करे निवेश – साय
रायपुर 24 अप्रैल(वार्ता) केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने निजी क्षेत्र से खनिजों के अन्वेषण के क्षेत्र में निवेश का आव्हान करते हुए कहा हैं कि इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
श्री साय ने आज यहां राष्ट्रीय खनिज विकास निगम(एन.एम.डी.सी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्बोधित करते हुए कहा कि नई खनिज नीति के माध्यम से खनिज बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए अधिक आर्थिक संसाधन उपलब्ध हुए हैं इससे इन क्षेत्रों के विकास के नए रास्ते खुले हैं।खनिजों की रायल्टी की बढ़ी हुई दरों, जिला खनिज निधि और खदानों की ई-नीलामी के माध्यम से खनिज बहुल राज्यों को अधिक संसाधन मिलना संभव हो सका है।
उन्होंने कहा कि बस्तर में लगभग 20 हजार करोड़ की लागत से बन रहा नगरनार इस्पात संयंत्र इस वर्ष प्रारंभ हो जाएगा।उन्होंने कहा कि 60 वर्षों में इस वर्ष एन.एम.डी.सी. ने खनिजों के उत्पादन और विक्रय में रिकार्ड कायम किया है।उन्होने कहा कि एन.एम.डी.सी. ईको फ्रेण्डली माइनिंग के माध्यम से खनिजों का उत्पादन कर रहा है।एन.एम.डी.सी. की सभी खदानों को पांच सितारा रैंकिंग में रखा गया है। इस संगोष्ठी के माध्यम से खनन और निवेश के क्षेत्र में विकास के नये अवसर सामने आएंगे और छत्तीसगढ़ जैसे खनिज बहुल राज्यों को इसका फायदा मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में जल्द ही देश में प्रथम स्थान पर आएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति से प्रदेश में इस्पात और उससे संबंधित सहायक उद्योगों में निवेश का अच्छा माहौल बना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बस्तर छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा और एन.एम.डी.सी. इसका मुख्य आधार होगा। उन्होंने बताया कि जिला खनिज निधि में खनिजों की रायल्टी से हर वर्ष 1200 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हो रही है।उन्होंने प्रदेश में खनिज क्षेत्र के विकास पर प्रकाश डाला।
साहू
जारी.वार्ता