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नारायण दत्त तिवारी हुए पंचतत्व में विलीन

नारायण दत्त तिवारी हुए पंचतत्व में विलीन

नैनीताल 21 अक्टूबर (वार्ता) कांग्रेस के दिग्गज नेता, उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी। उनके जैविक पुत्र रोहत शेखर ने उन्हें मुखाग्नि दी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के साथ ही अनेक कैबिनेट मंत्रियों एवं कांग्रेस के नेताओं समेत सैकड़ों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।

काठगोदाम के सर्किट हाउस में शनिवार से दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को जनता के दर्शनों के लिये रखा गया था। जैसे जैसे दिन चढ़ा कांग्रेस एवं भाजपा के साथ आम लोग के कदम सर्किट हाउस की ओर बढ़ने शुरू हो गये थे। दिन में 12 बजे तक सैकड़ों नेता एवं आम लोग सर्किट हाउस पहुंचे। शवयात्रा शुरू होने से पहले लोगों ने अपने प्रिय नेता को श्रद्धाजंलि अर्पित की। निर्धारित समय से आधा घंटे पहले लगभग साढ़े बारह बजे काठगोदाम के सर्किट हाउस से दिग्गज नेता की शव यात्रा शुरू हुई। शवयात्रा शुरू होने से पहले कुमाऊंनी पद्धति से पूरी परंपरा निभायी गयी। फूलों से सजे वाहन में उनके पार्थिव शरीर के साथ अंतिम यात्रा शुरू हुई।

श्री तिवारी के बेहद करीब माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र विधायक संजीव आर्य एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सबसे पहले सर्किट हाउस पहुंचे। इसके बाद तिवारी जी की बेहद करीबी माने जाने वाली प्रतिपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश और अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव हरीश रावत सर्किट हाउस पहुंचे और दिवंगत नेता को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, राज्यमंत्री धन सिंह रावत, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के पहुंचने से पहले ही अंतिम यात्रा निकल चुकी थी। ये सभी सीधे रानीबाग के चित्रशिला घाट पहुंचे और दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी।

श्री त्रिवेन्द्र, श्री पंत एवं श्री आर्य, श्री रावत, श्री निशंक एवं श्री हरीश रावत ने काफी देर तक श्री तिवारी के पुत्र रोहित शेखर से बात की और उन्हें ढाढस बंधाया।

मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने दिग्गज नेता के निधन को अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि एक युग का अंत हो गया है। उन्होंने कहा कि उनकी विनम्रता एवं उनकी कार्यशैली एक मिसाल रही है। वे राजनीति के अजातशत्रु थे।

विधानसभा में प्रतिपक्ष की नेता इंदिरा ह्दयेश यहां भी राजनीति करने से नहीं चूकीं। उन्होंने सर्किट हाउस पहुंचने पर पत्रकारों से बात करते हुए त्रिवेन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में जीरो टालरेंस की बात करने वाले पं. नारायण दत्त तिवारी से सीखें कि प्रदेश का विकास कैसे किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों की बात करें या फिर अस्पताल, स्कूल काॅलेजों की बात करें हर क्षेत्र में विकास की नींव श्री तिवारी ने रखी है।

कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने श्री तिवारी के निधन को प्रदेश की राजनीति के लिये अत्यंत दुखद बताया। उन्होंने कहा कि तिवारी जी विनम्रता की प्रतिमूर्ति थे। उनकी कार्यशैली एवं व्यवहार दुश्मनों को भी अपना बना देती थी। उनके निधन से उन्हें व्यक्तिगत नुकसान हुआ है। इस मौके पर विधायक पुष्कर धामी, कुंजवाल, प्रदीप टमटा समेत तिवारी जी के निकट संबंधी एवं करीबी लोग मौजूद थे।

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