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नरहरि ने लिया अपशिष्ट प्रबंधन की गतिविधियों का जायजा

भोपाल, 12 नवंबर(वार्ता) नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त पी. नरहरि ने आज निगम आयुक्त विजय दत्ता के साथ भोपाल शहर के विभिन्न स्थानों पर नगर निगम द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन के लिये संभावित गतिविधियों का जायजा लिया और कुछ स्थानों पर प्रबंधन की कमियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बेहतर प्रबंधन के लिये प्रक्रिया में सुधार लाने के निर्देश दिये।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री नरहरि ने सर्वप्रथम बिट्टन मार्केट स्थित बॉयो मैथेनाईजेशन प्लांट में गीले कचरे के निष्पादन की सम्पूर्ण प्रक्रिया देखी। इस दौरान उन्होंने बिट्टन मार्केट हाट बाजार से निकलने वाले हरित कचरे एवं आसपास की होटल्स के खाद्य पदार्थ से गैस एवं बिजली बनाने की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की और जनरेटर रूम, वेलून रूम आदि का निरीक्षण भी किया। उन्होंने प्लांट एवं आसपास की सफाई व्यवस्था पर असंतोष व्यक्त करते हुए साफ-सफाई व्यवस्था में सुधार लाने, कचरे का बेहतर ढंग से पृथक्कीकरण करने के निर्देश दिये।

उन्होंने स्मार्ट सिटी स्थित कमाण्ड सेंटर में जीपीएस के माध्यम से की जा रही मॉनीटरिंग की प्रक्रिया का अवलोकन किया एवं मॉनीटरिंग प्रक्रिया में व्यापक सुधार किये जाने को कहा।
श्री नरहरि ने कोकता एवं यादगार शाहजहाँनी पार्क स्थित कचरा ट्रांसफर स्टेशनों की कार्य-पद्धति के सभी चरणों की जानकारी प्राप्त की और कचरा वाहनों के संधारित चार्ट का अवलोकन किया। उन्होंने जो गाड़ियाँ फील्ड में नहीं पहुँचती हैं, उनकी जानकारी पूर्व से ही सूचना चार्ट में अंकित करने सहित अन्य सुधार करने के निर्देश दिये तथा यादगार शाहजहाँनी में कचरे से गैस बनाने की प्रक्रिया एवं एमआरएफ का भी अवलोकन किया।
श्री नरहरि ने भानपुर में प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिये स्थापित मटेरियल रिकवरी फेसेलिटी (एमआरएफ) में विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक के पृथक्कीकरण, संग्रहण एवं फटका मशीन, बेलिंग मशीन और इण्डस्ट्रीज को जाने वाली प्लास्टिक एवं प्लास्टिक से बनाये हुए गत्ते, डस्टबिन आदि को देखा और यहाँ की सम्पूर्ण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी प्र प्राप्त की। उन्होंने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की प्रक्रिया की सराहना की और कहा कि इसे प्रदेश के अन्य शहरों में भी अपनाना चाहिये।
इस मौके पर बताया गया कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के भोपाल मॉडल को लगभग 5000 शहरों में अपनाया जा रहा है। यहाँ से निकलने वाले प्लास्टिक का सड़कों के निर्माण में उपयोग किया जा रहा है, जिससे लागत में कमी और गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। साथ ही, रेकपिकर्स को भी रोजगार प्राप्त हो रहा है।
श्री नरहरि ने भानपुर पुरानी खंती के रीमेडिएशन एवं साइंटिफिक क्लोजर की प्रक्रिया का भी अवलोकन किया और कचरे के वैज्ञानिक तरीके से जैविक खाद आदि बनाने की पद्धति और खंती की भूमि के समतलीकरण के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर बताया गया कि भानपुर खंती की 37 एकड़ भूमि पर वर्षों से शहर का कचरा डम्प किया जा रहा था। यहाँ लगभग 12 लाख टन कचरा एकत्र था, जिसका पृथक्कीकरण कर जैविक खाद आदि बनाने के साथ ही कचरे से मुक्त भूमि का समतलीकरण किया जा रहा है। वर्ष 2021 तक इस स्थान पर 21 एकड़ में हरित क्षेत्र विकसित किया जायेगा।
व्यास
वार्ता
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