भारतPosted at: Jun 14 2021 3:40PM नवाज शरीफ सरकार ने जाधव मामले को उलझाया: कुरैशी
नयी दिल्ली, 14 जून (वार्ता) पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पूर्ववर्ती पाकिस्तान लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने कुलभूषण जाधव मामले को उलझा कर रखा था।
श्री कुरैशी ने रविवार को मुल्तान में एक पार्क का निर्माण कार्य शुरू करने के बाद संवाददताओं से बातचीत में यह आरोप लगाया।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा,“ हमने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के निर्देश को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। भारत चाहता है कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस देने से इनकार करे ताकि उसके पास आईसीजे जाने का रास्ता फिर से खुल सके। विपक्ष को इस संबंध में बयान देकर अनभिज्ञता नहीं दिखानी चाहिए और भारतीय पक्ष को मजबूत करने से बचना चाहिए। ”
श्री कुरैशी ने हालांकि विस्तार से नहीं बताया कि नवाज शरीफ सरकार ने कैसे 2013 से 2018 तक अपने पांच साल के शासन के दौरान इस मामले को उलझा कर रखा था।
पाकिस्तान नेशनल असेंबली में आईसीजे (समीक्षा और पुन: विचार) विधेयक, 2020 को पारित कराने को लेकर इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विपक्ष के कड़े विरोध के बीच विदेश मंत्री का यह बयान सामने आया है। कानून आईसीजे के फैसले के तहत जाधव को नये सिरे से कांसुलर एक्सेस की अनुमति देगा।
उन्होंने कहा कि भारत फैसले को लागू नहीं करने के लिए पाकिस्तान को फिर से आईसीजे में घेरने का प्रयास कर रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि जो भी जवाबदेही की प्रक्रिया से गुजर रहा है उसे खुद को निर्दोष साबित करने का मौका दिया जाएगा।
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण सुधीर जाधव (52) को अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी। भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण की गिरफ्तारी और नजरबंदी के बारे में बताया था।
इसके बाद मई 2017 में भारत ने श्री जाधव को कांसुलर एक्सेस दिलाने के लिए आईसीजे के समक्ष मामला दायर किया था। इसमें कहा गया है कि श्री जाधव को विएना कन्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेशंस के अनुच्छेद-36 के तहत उनके अधिकारों के बारे में सूचित नहीं किया गया था और भारत के वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को उनसे संपर्क कराने से मना कर दिया गया था।
भारत ने एक और याचिका भी दायर की थी, जिसमें अदालत से पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि श्री जाधव को फांसी नहीं दी जाए।
उप्रेती.श्रवण
वार्ता