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नशा तस्करों से संबंध के चलते एएसआई बर्खास्त

जालंधर, 18 जून (वार्ता) पंजाब में जालंधर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को नशा तस्करों के साथ संबंध रखने का दोषी पाए जाने के बाद मंगलवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया।
पुलिस आयुक्त ने जानकारी देते हुए कहा कि एएसआई सरबजीत सिंह को ड्रग पेडलर्स के साथ मिलीभगत के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स सेल में तैनात एएसआई खुद एक ड्रग एडिक्ट था और ड्रग पेडलर्स की मदद करके सेवा नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया, जिससे उसकी स्थिति का गलत इस्तेमाल हुआ।
श्री भुल्लर ने कहा कि गहन पूछताछ के बाद आरोपी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। हाल ही में एएसआई को भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने पर सतर्कता ब्यूरो ने रंगे हाथ गिरफ्तार भी किया था।
श्री भुल्लर ने जिले से नशीली दवाओं के खतरे को कम करने के लिए आयुक्तालय पुलिस की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि इस जघन्य अपराध के खिलाफ बल द्वारा शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह इस अपराध से पीड़ित हो, मानवता के खिलाफ इस अपराध में शामिल नहीं होगा, उसे कमिश्नरेट पुलिस की ओर से बख्शा नहीं जाएगा। श्री भुल्लर ने कहा कि कमिश्नरेट पुलिस द्वारा एक तरफ दवाओं की आपूर्ति की जाँच करने और दूसरी ओर इसे जड़ों से खत्म करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
पुलिस आयुक्त ने आगे कहा कि ड्रग एब्यूज प्रिवेंशन ऑफिसर (डीएपीओ) ड्राइव के तत्वावधान में एक विशेष जन जागरूकता अभियान पहले ही इस अभिशाप के खिलाफ लोगों में अधिकतम जागरूकता पैदा करने के लिए शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में दवाओं के दुष्प्रभाव के बारे में आम जनता को शिक्षित करने के लिए ग्राम / मोहल्ला / वार्ड स्तर पर विशेष जागरूकता अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि शहर से ड्रग्स के खतरे को खत्म करने के लिए जालंधर आयुक्तालय पुलिस में अब तक 14537 डीएपीओ पंजीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले एक पखवाड़े से चल रहे डीएपीओ अभियान के तहत गतिविधियां तेज कर दी गईं हैं। इसके अलावा 24 नए डीएपीओ को पंजीकृत करते हुए कहा गया है कि इस अवधि के दौरान ड्रग पेडलर्स के खिलाफ 17 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान ओओएटीएस केंद्र में 46 ड्रग आश्रितों ने प्रवेश किया है, इस अवधि में 106 सेमिनार और सार्वजनिक बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें 2500 से अधिक लोगों ने भाग लिया है। ठाकुर.संजय
वार्ता
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