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नहीं रहे वामपंथी राजनीति के पुरोधा और धनबाद के पूर्व सांसद ए. के. राय

धनबाद 21 जुलाई (वार्ता) वामपंथी राजनीति के पुरोधा तथा धनबाद से तीन बार विधायक और सांसद रहे ए. के. राय (अरुण कुमार राय) का आज यहां एक सरकारी अस्पताल में दिन के सवा ग्यारह बजे निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे।
राय दा के नाम से मशहूर श्री ए. के. राय की तबीयत खराब होने पर उन्हें इस वर्ष 08 जुलाई को धनबाद के सरायढेला स्थित सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान ही आज सवा ग्यारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह अविवाहित थे। उनके परिवार में तीन भाई और एक बहन है। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। उनके निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह, विधायक राज सिन्हा, महापौर चन्द्रशेखर अग्रवाल समेत अन्य ने शोक व्यक्त किया है।
श्री दास ने अपने शोक संदेश में कहा, “पूर्व सांसद ए. के. राय जी को भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका निधन झारखंड की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
मार्क्सवादी चिंतक श्री राय का जन्म पूर्वी बंगाल (वर्तमान बंग्लादेश) के राजशाही जिले के सपुरा गांव में 15 जून 1935 में हुआ था। वह कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) से बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद कलकत्ता में ही बिड़ला जूट फैक्टरी में नौकरी की। इसके बाद 1964 में वह बतौर केमिकल इंजीनियर धनबाद के सिंदरी उर्वरक कारखाने में नौकरी की। बाद में कोयला मजदूरों की पीड़ा और शोषण से व्यथित होकर आंदोलनकारी बन गए। देखते-देखते केमिकल इंजीनियर श्री राय वामपंथ की राह पर चल पड़े। इंजीनियर का पेशा छोड़ सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में सक्रिय हो गए।
सं सूरज
जारी (वार्ता)
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