लंदन 17 जुलाई (वार्ता) अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव का मुकदमा लड़ने वाले भारत के जाने-माने वकील हरीश साल्वे ने बुधवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर उसने श्री जाधव के मामले में फिर कोई फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की तो उसे दोबारा अंतरराष्ट्रीय अदालत में घसीटा जाएगा तथा उस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध भी लगाये जा सकते हैं।
श्री साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फैसला आने के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय अदालत का आभार व्यक्त करते हैं जिसने इस मामले में हस्तक्षेप करके चंद दिन पहले श्री जाधव को फांसी पर चढ़ने से बचा लिया।
उन्हाेंने कहा कि पाकिस्तान ने श्री जाधव के पास से बरामद कथित पासपोर्ट की स्लाइड बार-बार प्रदर्शित की। अदालत ने इस पर विशेष ध्यान दिया और पाकिस्तान के उस तर्क को खारिज कर दिया कि श्री जाधव की नागरिकता अनिश्चित है। न्यायालय ने निर्देश दिया कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक सिविल अदालत में श्री जाधव पर एक निष्पक्ष मुकदमा चले। श्री साल्वे ने कहा कि अगर यह मुकदमा सैन्य अदालत में उन्हीं नियमों एवं कानूनों के आधार पर चलाया जाता है जहां बाहर के वकीलों को जाने की अनुमति नहीं है, हमें अनुमति नहीं है, मिलने की छूट नहीं है, सबूत नहीं दिये जाते हैं तो यह अपेक्षित मानदंडों के अनुरूप नहीं होगा।
श्री साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान को श्री जाधव को वकील की सुविधा उपलब्ध करानी ही होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम दोबारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे। अगर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करता है तो उस पर प्रतिबंध लगाये जाने समेत कई कदम उठाये जा सकते हैं।
एक सवाल के जवाब में श्री साल्वे ने कहा कि न्यायालय स्पष्ट कर चुका है कि श्री जाधव का उत्पीड़न नहीं किया जा सकता है। यह कहे जाने पर कि पाकिस्तानी अदालत में वह श्री जाधव की तरफ से नहीं लड़ सकेंगे, उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि पाकिस्तान में कई ‘शानदार वकील’ हैं जो श्री जाधव का पक्ष रख सकते हैं।
श्री साल्वे ने कहा कि उन्हें निजी तौर पर संतोष है कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किये गये ‘विशेषण’ और अदालत में दिये गये जवाब को उन्होंने अफसोसनाक करार दिया और कहा कि उनके संस्कार एवं भारत की परंपरा के मुताबिक ऐसी भाषा में जवाब नहीं दिया जाता। पाकिस्तान ने अपने आरोप प्रक्रिया के दुरुपयोग के आधार पर लगाये थे और कहा था कि ये वे आधार हैं जिन पर भारत के पक्ष में निर्णय नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के तर्क खारिज हो गये और अदालत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय तौर पर गलत काम करने का दोषी ठहराया।
श्री साल्वे ने कहा, “हम पाकिस्तान से अपेक्षा करते हैं कि वह एक निष्पक्ष मुकदमे की गारंटी के लिए समुचित कानूनी उपाय करे। पाकिस्तान का आचरण दुनिया देख रही है और अगर वे एक और फर्जीवाड़ा करने का प्रयास करते हैं, तो हम फिर अंतरराष्ट्रीय अदालत का रुख करेंगे।”
यामिनी, संतोष
वार्ता