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पंजाब की जेलों में सुरक्षा मज़बूत करने तथा अपराध पर काबू पाने के लिए प्रिज़न एक्ट में संशोधन

पंजाब की जेलों में सुरक्षा मज़बूत करने तथा अपराध पर काबू पाने के लिए प्रिज़न एक्ट में संशोधन

चंडीगढ़, 24 फरवरी (वार्ता) पंजाब मंत्रिमंडल ने जेल एक्ट 1894 में संशोधन करने को मंजूरी दी है ताकि जेलों में कैदियों द्वारा अंजाम दिए जाने दंगा-फ़साद, जेल से भागना और जेल अनुशासन और नियमों का उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए सख़्त सज़ा दी जा सके और जेलों की सुरक्षा मज़बूत की जा सके।

इस आशय का फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया । यह संशोधन करने के लिए एक बिल विधानसभा के बजट सत्र में लाया जायेगा। उपरोक्त एक्ट में नये दंडात्मक प्रावधानों को जोडऩे के लिए जेल विभाग द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई जिससे जेलों की सुरक्षा मज़बूत की जा सके और कैदियों द्वारा मोबाइल फोनों का प्रयोग, जेलों में दंगा-फ़साद, जेल अमले की मारपीट, जेल को नुक्सान पहुंचाना और जेलों से भागने के अलावा नशीले पदार्थ रखने जैसे जुर्मों पर काबू पाया जा सके।

जेल अनुशासन का उल्लंघन करने के अपराध में कम-से-कम तीन साल की कैद और अधिक से अधिक सात साल या जुर्माने के प्रावधानों को मंज़ूरी दी गई है।

अन्य फैसले में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभागों के कामन काडर का विभाजन करने की मंजूरी दी । इसका उद्देश्य दोनों विभागों की कंट्रोलिंग आथारिटी और नियमों के विभाजन के द्वारा इन दोनों विभागों के बीच काडर के मामलों के साथ विवाद के हल में तेजी लाना है।

ज्ञातव्य है कि पंजाब के अस्तित्व के समय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग एक ही विभाग थे और साल 1945 के नियम सांझे थे। बाद में मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलग-अलग हो गए ।

शर्मा

वार्ता

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