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पंजाब में बारिश से फसलों को भारी नुकसान

पंजाब में बारिश से फसलों को भारी नुकसान

जालंधर 24 सितंबर (वार्ता) पंजाब में पिछले 60 घंटों से लगातार हो रही बारिश से जहां सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है वहीं खेतों में तैयार खड़ी धान, नरमा, गन्ना तथा सब्जियों की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है।

रविवार को हुई तेज बारिश के कारण कई जिलों में धान की फसल खेतों में बिछ गयी है। बारिश का सबसे ज्यादा असर जगराओं, मलेरकोटला, संगरूर, मोगा, फतेहगढ़, पटियाला और जालंधर में देखने को मिल रहा है। धान की जल्दी पकने वाली किस्म और गन्ना खेतों में बिछ गया है।

जालंधर में भोगपुर के किसान बलविंदर सिंह ने सोमवार को बताया कि पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है। उन्होंने बताया कि बारिश से गन्ना, धान, नरमा, हरा चारा और सब्जियों की फसल खराब हो गयी है। इसके अलावा किसानों ने आलू की फसल लगाना शुरू कर दी थी जो पानी में डूबकर पूरी तरह बर्बाद हो गयी है। अभी तक कुछ किसानों की मक्का की फसल भी खेतों में खड़ी थी जो बारिश के कारण खराब हो गयी है। उन्होंने खराब फसलों को लेकर सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है।

जालंधर जिले में एक लाख 70 हजार हेक्टेयर में धान तथा 10 हजार हेक्टेयर रकबे में गन्ने की फसल लगी है। किसानों का कहना है कि अगर एक दो दिनों तक खेतों में पानी खड़ा रहा तो धान की फसल सड़ने लग जाएगी और किसानों को भारी नुकसान होगा। पंजाब में पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर आदि बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र हैं।

पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में पड़ रही बर्फ तथा लगातार हो रही बारिश के कारण पंजाब में ठंडक बढ़नी शुरू हो गयी है। शनिवार सुबह से लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कों पर खड्डे बन गये हैं। लोगों को बाहर निकलने में परेशानी हो रही है।

अमृतसर के व्यस्त इलाके माल रोड स्थित नगर निगम आयुक्त के निवास स्थान के बाहर बारिश के कारण सड़क पर लगभग 20 फुट गहरा खड्डा पड़ गया है जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए निगमायुक्त को भी अपना निवास खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।

बारिश के कारण किसी प्रकार की अनहोनी के मद्देनजर अमृतसर नगर निगम ने अलर्ट जारी करते हुए पुरानी जरज़र इमारतों में रह रहे लोगों को अपने घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है। इन लोगों के लिए नगर निगम ने शहर के पांच स्थानों पर अस्थाई निवास का प्रबंध किया है। इसके अलावा रावी, सतलुज और ब्यास नदियों का जल स्तर बढ़ने के मद्देनजर इन नदियों के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।

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