Wednesday, Apr 24 2024 | Time 18:21 Hrs(IST)
image
भारत


पीड़ित बच्‍चों की मदद के लिए सभी थानों में तैनात करें पीएलवी: हाईकोर्ट

पीड़ित बच्‍चों की मदद के लिए सभी थानों में तैनात करें पीएलवी: हाईकोर्ट

नयी दिल्‍ली 01 फरवरी (वार्ता) लापता बच्‍चों और बच्‍चों के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों में पीडि़त पक्ष की मदद के लिए अब दिल्‍ली के सभी थानों में पैरा लीगल वालंटियर्स (पीएलवी) की नियुक्ति की जाएगी। इस संबंध में दिल्‍ली उच्च न्यायालय ने दिल्‍ली राज्‍य विधिक सेवा प्राधिकरण(डीएसएलएसए) को पीएलवी तैनात करने की योजना को विस्‍तार देने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।

उच्च न्यायालय के निर्देश पर ही डीएसएलएसए ने पायलट प्रोजेक्‍ट के तहत दिल्‍ली के 50 संवेदनशील थानों में पीएलवी की नियुक्ति की थी। न्यायालय इसी मामले की सुनवाई कर रहा था।

न्यायालय ने कहा है कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों को कैसे आगे ले जाया जाए, इस पर विचार करें।

गौरतलब है कि सितंबर, 2022 में शीर्ष अदालत ने सभी राज्‍यों व केंद्रशासित प्रदेशों के कानूनी सेवा प्राधिकरणों को पीएलवी की नियुक्ति को लेकर योजनाएं विकसित करने का निर्देश दिया था।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ दो मामलों ‘द कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन बनाम राज्‍य और सधन हल्‍दर बनाम दिल्‍ली बनाम अन्‍य’ को लेकर किशोर न्याय अधिनियम और उसमें बनाए गए नियमों के तहत किशोर न्याय वितरण प्रणाली के कामकाज को कारगर बनाने के लिए आपराधिक संदर्भ पर सुनवाई कर रही थी।

खंडपीठ ने कहा कि सभी संबंधित पक्ष दिल्ली में सभी पुलिस स्टेशनों में पैरा-लीगल वालंटियर्स के पैनल की योजना का विस्तार करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार करेंगे। इन दोनों ही मामलों में नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी की ओर से स्‍थापित ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ भी एक पक्ष है।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार, पुलिस और डीएसएलएसए की ओर से पेश वकील ने न्यायालय को बताया गया कि हम शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और इस पायलट प्रोजेक्ट के खत्म होने का सवाल ही नहीं उठता। पायलट प्रोजेक्‍ट को पूरी दिल्ली में एक नियमित योजना के रूप में लागू किया जाना है।

दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, डीएसएलएसए उचित स्तर पर विचार करने या इसके संवितरण के लिए सरकार को अनुमानित बजटीय आवश्यकताओं को प्रस्तुत कर सकता है। पीठ ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 24 फरवरी को सूचीबद्ध किया है।

संजय

वार्ता

image