श्रीनगर 02 जून (वार्ता) केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि यह राज्य प्राचीन काल से भारतीय चिकित्सा पद्धति का प्रमुख केंद्र रहा है।
श्री सिन्हा आज यहां कश्मीर विश्वविद्यालय में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन हील पर सलाहकार बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक का आयोजन आयुष मंत्रालय ने किया था।
उन्होंने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर प्राचीन काल से भारतीय चिकित्सा पद्धति का एक प्रमुख केंद्र रहा है और कल्हाण की राजतरंगिणी के अनुसार उन दिनों अच्छी तरह से विकसित आयुर्वेद अस्पताल अस्तित्व में रहे। उन्होंने कहा कि राज्य में आयुर्वेदिक दवा निर्माण इकाइयां तथा आयुर्वेदिक फार्मेसियां फल-फूल रही हैं।
उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर को चिकित्सा और कल्याण पर्यटन का केंद्र बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हील इन इंडिया' और 'हील बाय इंडिया' के दृष्टिकोण में योगदान देने के सरकार के उद्देश्य को दोहराया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के दो महत्वपूर्ण घटकों - जम्मू-कश्मीर में हेल्थकेयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री और हेल्थकेयर सुविधा रजिस्ट्री के कार्यान्वयन के लिए ठोस रूपरेखा तैयार की जायेगी।
उन्होंने कहा , “ जम्मू-कश्मीर आयुष और हील का महत्वपूर्ण केंद्र बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है।यह अभियान न केवल चिकित्सा को बढ़ावा देगा बल्कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में व्यापार और रोजगार के अपार अवसर भी पैदा करेगा। इतनी समृद्ध विरासत के साथ हम आयुष में निवेश और नवाचार के लिए और दवाओं की पारंपरिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जम्मू कश्मीर को प्रकृति की कृपा और समृद्ध औषधीय पौधों से नवाजा गया है, जो आयुष में स्टार्टअप और व्यावसायिक इकाइयों को बढ़ावा देगा।”
उपराज्यपाल ने कहा कि दुनिया ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली को रोकथाम और इलाज के लिए सबसे पुरानी, प्रभावी और वैज्ञानिक स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में मान्यता दी है। अब समय आ गया है कि नयी पीढ़ी को इस विरासत और समृद्ध विरासत से जोड़ा जाए ताकि वन अर्थ, वन हेल्थ के विजन को पूरा किया जा सके।
उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर प्रशासन एकीकृत और प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से वैश्विक समुदाय की सेवा करने के लिए 'वन अर्थ, वन हेल्थ' के विजन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आयुष क्षेत्र में अखनूर में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, गंदेरबल में यूनानी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सहित कई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुष मंत्रालय द्वारा कुलगाम, कठुआ, कुपवाड़ा, किश्तवाड़ और सांबा जिलों में पांच 50 बिस्तरों वाले एकीकृत आयुष अस्पतालों को मंजूरी दी गई है।
अशोक,आशा
वार्ता