नयी दिल्ली 23 जनवरी (वार्ता) केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में स्वायत्त परिषदों के वित्तीय अधिकार बढाने तथा असम , मिजोरम और त्रिपुरा में ग्राम पंचायतों तथा निगम परिषदों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के लिए संविधान संशोधन के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संविधान के अनुच्छेद 280 तथा छठी सूची में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इससे पूर्वोत्तर के इन राज्यों की लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी हो गयी हैं।
इस संशोधन के बाद असम , मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में राज्य वित्त आयोग के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा। वित्त आयोग दस स्वायत्त जिला परिषदों और छठी सूची में शामिल क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों और निगम परिषदों को वित्तीय अधिकार देने की सिफारिश करेगा। इससे जिला परिषदों और निगम परिषदों के पास पर्याप्त निधि होगी और इससे जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी।
साथ ही लोक कार्य विभाग, वन, जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, शहरी विकास और खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति जैसे 30 विषय असम में कर्बी आंगलोंग स्वायत्त क्षेत्रीय परिषद तथा दीमा हसाओ प्रादेशिक परिषद के क्षेत्राधिकार में आ जायेंगे।
संशोधन के बाद असम , मिजोरम और त्रिपुरा के छठी सूची में उल्लिखित क्षेत्राें की ग्राम पंचायतों तथा निगम परिषदों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करनी होंगी। साथ ही इन परिषदों में कम से कम दो सदस्यों को नामित भी करना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग इन परिषदों के चुनाव करायेगा। मेघालय में अभी महिलाओं को परिषदों में आरक्षण के प्रावधान से बाहर रखा गया है।
इस संशाेधन से केन्द्र सरकार, असम सरकार और मेघालय यूनाइटेड पीपुलस् डेमोक्रेटिक सोलिडेरिटी, दीमा हलम दाओगा और अचिक नेशनल वालंटियर काउंसिल के बीत हुए त्रिस्तरीय समझौते में सरकार द्वारा की गयी प्रतिबद्धता भी पूरी हो जायेगी।
संशोधन में स्वायत्त परिषदों के क्षेत्राधिकारों के बढने के बाद इनके पुन नामकरण का भी प्रस्ताव किया गया है। साथ ही इनमें सीटें भी बढायी जायेंगी।
संजीव सत्या
वार्ता