मुंबई 02 जून (वार्ता) बॉलीवुड के जाने माने पार्श्वगायक हंस राज ने संघर्ष के बदौलत न सिर्फ पार्श्वगायन की दुनिया में
खास पहचान बनायी बल्कि इस बार के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर वह सांसद बनने में कामयाब हुए।
पद्मश्री हंस राज हंस का जन्म पंजाब के जालंधर जिले के शफीपुर गांव में हुआ था। वह वर्ष 1983 से ही लगातार म्यूजिक इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। उन्होंने कई सुपरहिट गाने दिए हैं जो आज भी काफी फेमस हैं। इनमें दिल चोरी साडा हो गया, टोटे-टोटे हो गया, ये जो सिली-सिली हवा, अल्लाह हू, तेरे बिन नई जीना मर जाना, छम-छम रोएं अखियां। इन गानों से हंसराज ने अपनी खास पहचान बनाई है।
हंस राज हंस ने वर्ष 1999 में प्रदर्शित फिल्म कच्चे धागे से बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद हंस ने ‘नायक, ब्लैक, बिच्छू’ सहित कई फिल्मों के लिए गीत गाए हैं। बचपन के दिनों से ही हंसराज गायकी के शौकीन रहे। दोस्त सतनाम सिंह गिल ने उनका बहुत साथ दिया। बचपन में दोनों याराना फिल्म देखने गए। बाहर निकले तो सतनाम ने कहा, आज से अमिताभ और अमजद की तरह तू किशन और मैं बिशन। गायक बनने में तुम्हारी पूरी मदद करूंगा। तब से दोनों दोस्त हैं। पहली बार कनाडा में दो शो किए जो हिट हुए।
एक वक्त ऐसा था जब हंस राज हंस के पास खाना खाने को भी पैसे नहीं होते थे। उनकी दो कैसेट्स ही रिलीज हुई थीं। इतने लोग जानते भी नहीं थे। दिन भर के भूखे एक दिन शाम को अपने स्कूटर पर चले गए किसी ठेले वाले के पास खाना खाने। प्लेट पकड़ी और ठेले वाले से कहा, पाजी मेरे पास पैसे नहीं है। यह सुन ठेले वाले ने झट से प्लेट छीन ली। तब हंस को पता चला गरीबी क्या चीज है। कई सालों बाद हंस की कई कैसेट्स आईं और वे जाने-माने गायक हो गए तब वे फिर उस ठेले वाले पर गए। उसको दो हजार रुपए पकड़ाए और कहने लगे, ये दो हजार रुपए लो। जो कोई गरीब तुम्हारे पास आए उसे भूखा न जाने देना। तब से लेकर आज तक वह हर महीने उस ठेले वाले को दो हजार रुपए देते हैं।
हंस राज हंस ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत वर्ष 2009 में शिरोमणी अकाली दल के साथ जुड़कर
की। उन्होंने 2009 में शिरोमणी अकाली दल के टिकट पर जालंधर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2016 में हंसराज हंस कांग्रेस से जुड़ गये लेकिन कांग्रेस और उनका साथ ज्यादा लंबा नहीं चला। उन्होंने एक साल के अंदर ही कांग्रेस भी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)में शामिल हो गए। उन्होंने वर्ष 2017 में हुए दिल्ली नगर निगम चुनावों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हंसराज हंस ने दिल्ली में कई रैलियां-कई सभाएं कीं, जिसका नतीजा भाजपा की जीत के रूप में देखा गया।
उल्लखनीय है कि हंस राज हंस ने इस बार के आम चुनाव में भाजपा की टिकट पर उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने आम आदमी पार्टी प्रत्याशी गुग्गन सिंह को पांच लाख 53 हजार से अधिक मतों से हराया और पहली बार सासंद बनने में कामयाब हुए।