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प्रसूताओं में मृत्युदर कम करने रतलाम में होगा मंथन

रतलाम, 26 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश में वैसे तो प्रसव के दौरान होने वाली प्रसूताओं की मृत्युदर को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है, लेकिन इसे और कम करने के उपायों की खोज करना आवश्यक है, इसके लिए डेढ सौ से अधिक स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक रतलाम में एकत्रित होकर दो दिनों तक विचार मंथन करेंगी।
एसोसिएशन आॅफ एमपी आब्सेस्ट्रिक्स एण्ड गायनेकोलाजिस्ट्स का तेरहवां वार्षिक अधिवेशन इस बार रतलाम में आयोजित किया जा रहा है। रतलाम आब्सेस्ट्रिक्स एण्ड गायनी सोसायटी (आरओजीएस) के तत्वावधान में आयोजित यह दो दिवसीय अधिवेशन 6 और 7 अक्टूबर को बालाजी सेन्ट्रल में संपन्न होगा। अधिवेशन में प्रदेश भर की डेढ सौ से अधिक स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल होंगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए सुरक्षित मातृत्व योजना प्रारंभ की है। फेडरेशन आफ आब्स्टेस्ट्रिक्स एण्ड गायनी सोसायटी आफ इण्डिया (एफओजीएसआई) भी इस कार्य में अपना सहयोग दे रही है। एफओजीएसआई के अध्यक्ष डॉजयदीप मल्होत्रा ने अद्भुत मातृत्व नामक योजना प्रारंभ की है। अब तक गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ही ध्यान दिया जाता था, परन्तु अद्भुत मातृत्व योजना के अन्तर्गत माता व गर्भस्थ शिशु के भावनात्मक व आध्यात्मिक विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
इसके लिए अब महिला चिकित्सक गर्भवती महिलाओं को यह सलाह देने लगीं हैं कि वे गर्भावस्था के दौरान मन में सकारात्मक विचार रखे, जिसका सीधा परिणाम गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर पडता है। वर्तमान में भारत में प्रसव मृत्यु दर 130 प्रति दस हजार है, जबकि मध्यप्रदेश में यह दर इससे अधिक 173 प्रति दस हजार है। एफओजीएसआई इसमें कमी लाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है।
आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ डॉली मेहरा ने बताया कि अधिवेशन के दौरान विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अलग अलग विषयों पर व्याख्यान व शोध पत्रों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। अधिवेशन के प्रथम दिन प्रख्यात विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे, वहीं दूसरे दिन मेडीकोलीगल वर्कशाप तथा पीपीएच वर्कशाप आयोजित होगी।
डॉ.श्रीमती मेहरा ने बताया कि प्रथम दिन हाई रिस्क प्रेग्रेंसी, मिस कैरेज जैसे चिकित्सकीय विषयों पर विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे साथ ही सर्जरी के नए तरीकों का वीडियो प्रेजेन्टेशन किया जाएगा। जबकि दूसरे दिन मेडिको लीगल वर्कशाप में प्रसव के दौरान उत्पन्न होने वाली कानूनी समस्याओं के सन्दर्भ में डॉ. एमसी पटेल और डॉ दिलीप वाके अपने विचार व्यक्त करेंगे।
डॉ.डॉली मेहरा ने बताया कि इस अधिवेशन में प्रदेश की डेढ सौ से अधिक स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की सहमति प्राप्त हो चुकी है। इस अधिवेशन की तैयारियां जोरों पर चल रही है। अधिवेशन के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। इस पूरे आयोजन की एक बडी खासियत यह भी है कि अधिकांश व्यवस्थाएं महिला चिकित्सकों द्वारा ही की जा रही है। इस अधिवेशन में पुरुष चिकित्सकों की संख्या नगण्य है। केवल विषय विशेषज्ञों के रुप में कुछ पुरुष चिकित्सकों के व्याख्यान होंगे।
संं बघेल
वार्ता
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