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पौष पूर्णिमा स्नान पर एक करोड़ सात लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई

पौष पूर्णिमा स्नान पर एक करोड़ सात लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई

कुम्भ नगर,21 जनवरी (वार्ता) दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुम्भ में पौष पूर्णिमा के पवान पर्व पर सोमवार को गंगा, यमुना अौर त्रिवेणी के संगम में अस्था की डुबकी लगाई।

पौष पूर्णिमा का स्नान तड़के चार बजे से ही प्रारम्भ हो गया था। कड़कडाती सर्दी में आस्था भारी पड़ती दिखी। गंगा में डुबकी लगाने के साथ कांपते श्रद्धालु ‘ऊं नम: शिवाय, हर हर गंगे” का उच्चारण करते रहे। सुबह घाट पर घना कोहरा होने के कारण हालांकि श्रद्धालुओं की भीड़ कम थी लेकिन जैसे जैसे सूरज आसमान में चढ़ता गया श्रद्धालुओं की भीड़ बढती गयी।

कुम्भ मेला जिलाधकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि पौष पूर्णिमा के स्नान पर सुबह से स्नान शुरू हो गया था। शाम तक एक करोड़ सात लाख श्रद्धालुओं ने संगम मे आस्था की डुबकी लगायी।

उन्होंने बताया कि स्नान के लिए बनाए गये सभी 35 घाटों पर सुरक्षा के कडे बन्दोबस्त किए गये थे। सभी घाटों पर गोताखोर टकडियां तैनात थी। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के बन्दोबस्त थे। उन्होंने कहा कि मेला कलपवासियों का है, लिहाजा इनकों किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी इसकी पूरी व्यवस्था की गयी है ।

पौष पूर्णिमा का स्नान करने जौनपुर से पहुंची पति सुमित के साथ कुमुद ने बताया कि वह कई साल से माघ मेला में स्नान करने आते हैं। इस बार दिव्य और भव्य कुम्भ जैसा वातावरण नहीं दिखा। संगम का किनारा रात में भी दिन का उजाला दे रहा था। श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन व्यवस्था की गयी थी। इस बार संगम क्षेत्र में लगे पोल पर नम्बरिंग की गयी है। श्रद्धालु उसे देखकर अपने लोगों को यह बता सकता है कि वह पोल दम्बर 14,16 या 22 के सामन खड़ा है।

कुमुद ने बताया कि संगम क्षेत्र का आभा देख्ते ही बनता था। मानों चारों ओर आध्यात्म की ऊर्जा प्रवाहित हो रही है। एक तरफ ऊं नम: शिवाय तो दूसरी तरफ गंगा तेरा रानी अमृत का सुमधुर गान वातावरण को मंत्रमुग्ध बना रहा है।

सुमित कुमार ने कहा कि केन्द्र की मेादी और प्रदेश की योगी सरकार ने भारतीय संस्कृति से दुनिया को बेहतर तरीके से रू-ब-रू कराने में सफल हुयी है। विदेशी सैलानियों के खिल चेहरे इस बात के प्रत्यख गवाह हैं। कुम्भ नरी की साफ सुथरी सड़के और सुगम यातायात व्यवस्था कुम्भ को भव्य और दिव्य बनाती हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की परिचायक कुम्भ जैसे विशाल आयोजन को सफल बनाने के लिए साधुवाद के काबिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिव्य और भव्य कुम्भ की तरीफ करने के लिए उनके पास शब्द नहीं है।

दिनेश त्यागी

वार्ता

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