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पोषण आहार मामले में चौहान सरकार ने नहीं की कार्रवाई - शर्मा

भोपाल, 17 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पोषण आहार मामले में पलटवार करते हुए कहा कि पोषण आहार सप्लाई से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ तत्कालीन चौहान सरकार के कार्यकाल में कार्रवाई नहीं की गयी।
इस संबंध में जहां सुबह श्री चौहान ने सवाल उठाते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया, तो शाम को श्री शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में श्री चौहान पर पलटवार करते हुए अनेक सवाल उठाए। हालाकि श्री शर्मा ने कहा कि अरबों रुपयों से जुड़े पोषण आहार सप्लाई मामले में निजी कंपनियों और ठेकेदारों की साझेदारी रोकने का कार्य कमलनाथ सरकार ने ही लिया है।
श्री शर्मा ने कहा कि लगभग पंद्रह वर्ष पहले ही उच्चतम न्यायालय ने पोषण आहार की योजना में ठेकेदारों को बाहर करने के लिए कहा था, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। इसके बावजूद निजी कंपनियों और ठेकेदारों के साथ सांठगांठ चलती रही।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 और 2015 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में जिक्र था कि 30 से 32 प्रतिशत पोषण आहार का पैसा, जो बच्चों के हक का है, वह निजी कंपनियां खा रही हैं। इसके बावजूद भी श्री चौहान के कार्यकाल में निजी कंपनियों और ठेकेदारों से सांठगांठ चलती रही। श्री शर्मा ने श्री चौहान से जानना चाहा है कि क्या यह सही नहीं है।
श्री शर्मा ने कहा कि आयकर विभाग ने एमपी एग्रो के अधिकारियों और संबंधित निजी कंपनियों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की थी। इसमें अनेक गड़बडियां सामने आयीं। इसके बावजूद दस वर्षों तक शिवराज सरकार के कार्यकाल में निजी कंपनियों को 7800 करोड़ रुपयों के ठेके दिए गए। जबकि उस समय सरकार को संबंधित कंपनियों से काम वापस ले लेना चाहिए था।
श्री शर्मा ने अनेक आकड़े पेश करते हुए कहा कि पोषण आहार घोटाला पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में ही हुआ और इस दौरान निजी कंपनियों को बहुत फायदा पहुंचाया गया। जबकि इस पर लगाम मौजूदा कमलनाथ सरकार ने ही लगायी। इसके बावजूद श्री चौहान वर्तमान सरकार पर ही सवाल उठा रहे हैं।
श्री शर्मा ने दृढता के साथ कहा कि मौजूदा सरकार ऐसे कामों पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है और अदालतों के आदेशों का पालन भी कराया जाएगा। साथ ही जो भी गड़बड़ियां हैं, उनकी जांच करायी जाएगी।
प्रशांत
वार्ता
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