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परंपरा तोड़ पितृपक्ष में शादी करने वाली कविता सिंह पहली बार बनी सांसद

परंपरा तोड़ पितृपक्ष में शादी करने वाली कविता सिंह पहली बार बनी सांसद

सीवान 30 मई (वार्ता) राजनीतिक विवशता के कारण स्थापित परंपराओं को तोड़कर पितृपक्ष में विवाह करने वाली कविता सिंह पहले बिहार में सीवान के दरौंधा की विधायक और अब पहली बार सीवान से सांसद बनने में भी कामयाब हुई हैं।

श्रीमती कविता सिंह का राजनीति में पदार्पण किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उनका वर्ष 2011 में पितृपक्ष के दौरान अजय सिंह के साथ परिणय सूत्र में बंधना स्थापित परंपराओं का विरोध नहीं था बल्कि श्री सिंह की मां एवं दरौंधा की तत्कालीन विधायक जगमातो देवी के निधन के बाद उत्पन्न राजनीतिक परिस्थितियों में उनके परिवार के उत्तराधिकार को संभालने की विवशता थी।

दरौंधा की तत्कालीन विधायक जगमतो देवी के वर्ष 2011 में निधन के बाद उनके पुत्र अजय सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) से अपने लिए टिकट की मांग की लेकिन उनकी आपराधिक छवि को ध्यान में रखकर जदयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया। ऐसा कहा जाता है कि श्री कुमार ने अजय सिंह को सलाह दी थी यदि वह उप-चुनाव के पहले शादी कर लें तो उनकी पत्नी को पार्टी का टिकट दिया जा सकता है।

अखबार में अजय सिंह के विवाह के लिए एक विज्ञापन दिया गया, जिसमें वधु का मतदाता सूची में नाम होना, उसके पास मतदाता पहचान पत्र होना, उसकी उम्र 25 साल से अधिक और उसका राजनीतिक पृष्ठभूमि से होने की शर्त रखी गई। अंत में 16 लड़कियों में से कविता का चयन किया गया। कविता सिंह उस समय छपरा की जेपी यूनिवर्सिटी की छात्रा थी। श्री सिंह ने कविता सिंह के साथ पितृपक्ष में शादी कर ली और जदयू ने कविता सिंह को दरौंधा सीट से पार्टी का टिकट दे दिया। उन्होंने वर्ष 2011 में दरौंधा विधानसभा के उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बन गयी। वर्ष 2015 में भी कविता सिंह को जदयू ने दरौंधा सीट से टिकट दिया और इस बार भी वह विधायक बनने में सफल रही।

बिहार के सारण जिले में गरखा थाना क्षेत्र के श्रीपालबसंत गांव में 10 फरवरी 1985 को किसान श्री लालेश्वर प्रसाद सिंह और मां एवं मुखिया उषा देवी के घर जन्मी कविता ने प्रारभिक शिक्षा छपरा से पूरी की। वर्ष 2011 में विधायक बनने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और जेपी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।

वर्ष 2019 के आम चुनाव में श्रीमती सिंह ने जदयू के टिकट पर सीवान संसदीय सीट से चुनाव लड़ा। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी और पूर्व बाहुबली सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से हुआ। उन्होंने 447171 मत हासिल कर श्रीमती शहाब को 116808 मतों के भारी अंतर से पराजित कर पहली बार सांसद बनने में कामयाब रहीं।

श्रीमती सिंह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ,सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना आदर्श मानती हैं। उन्हें कविता लिखने में काफी रूचि है।

सं प्रेम सूरज

वार्ता

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