राज्यPosted at: Sep 26 2018 3:33PM परिवार को खबर नहीं, यशपाल बन गया मुक्केबाजी का हीरो
संतकबीरनगर 26 सितम्बर (वार्ता) लक्ष्य प्राप्त करने का जुनून कठिन से कठिन राह को भी आसान कर देता है। कुछ ऐसा ही जज्बा उत्तर प्रदेश में संतकबीरनगर जिले के छोटे से गांव के छोरे यशपाल यादव ने कर दिखाया है।
महुली क्षेत्र के गांव भैंसहीजोत के निवासी यशपाल ने नई दिल्ली में हाल ही में सम्पन्न हुयी राष्ट्रीय मिक्स्ड मार्शल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया। अचरज यह है कि परिवार के लोगों को अपने घर की प्रतिभा के बारे में कानोंकान खबर नहीं थी। अपने जुनून को अंजाम तक पहुंचाते हुए वह क्षेत्र और जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और देश में चर्चा का विषय बन गया। यशपाल का बुधवार को जिले में आगमन पर भव्य स्वागत किया गया।
यशपाल ने परिवार के राजनैतिक माहौल से हटकर न सिर्फ अपनी अलग पहचान बनाई बल्कि मुक्केबाजी के खतरनाक योद्धा के रूप मे खुद को राष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित किया है। नई दिल्ली मे स्थित त्यागराज स्टेडियम मे 21 से 23 सितंबर तक आयोजित हुई नेशनल एमएमए चैम्पियनशिप में वेल्टर मेन वर्ग मे 76 किग्रा भार वर्ग मे हिस्सा लिया था। अपने पहले लीग मुकाबले मे यशपाल ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्तराखंड के मोहित ठाकुर को अंकों के आधार पर हराया।
दूसरे मुकाबले मे हरियाणा के शुभम मलिक तथा तीसरे मुकाबले मे छत्तीसगढ़ के सुमित नरवाल को भी अंकों के आधार पर रिंग से बाहर किया। अंतिम फाइट में यशपाल ने दिल्ली के प्रवीन लोहिया को रिंग मे ढेर कर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया।
आल इण्डिया मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स एसोसिएशन ने पदक और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। खलीलाबाद के बरदहिया बाजार तथा पैतृक गांव भैंसहीजोत के निकट मुखलिसपुर बाजार में भी यशपाल का जोरदार स्वागत किया गया। उसने ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि मुक्केबाजी की इस विधा को जिले और पूर्वांचल मे विकसित करने की उसकी भविष्य की योजना है। घर का माहौल राजनीतिक है। साथ उनका परिवार व्यवसाय के क्षेत्र में भी अपना स्थान बनाए हुए है। परिवार के लोग मुक्केबाजी जैसे खतरनाक खेल की तरफ उनके रुझान को लेकर परेशान थे और इससे दूर रहने की सलाह देते थे लेकिन उन्होंने मुक्केबाजी को अपना मिशन बना लिया है। परिवार के लोग अब उनकी सफलता पर खुश हैं।
सं प्रदीप
वार्ता