नयी दिल्ली, 26 जनवरी (वार्ता) भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान ओर से पश्चिमी तट पर एक संयुक्त समुद्री अभ्यास ‘पश्चिम लहर (एक्सपीएल-2022)’ आयोजित किया गया जिसमें थल और वायु सेना के अलावा तटरक्षक बल ने भी भाग लिया।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि यह अभ्यास 20 दिन चला और मंगलवार को सम्पन्न हुआ। पश्चिमी नौसेना कमान की परिचालन संबंधी योजनाओं को सुदृढ़ करने और भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना, भारतीय थल सेना एवं तटरक्षक बल के बीच अंतर-सेवा तालमेल बढ़ाने के उद्देश्य से यह अभ्यास महत्वपूर्ण माना गया है।
इसमें नौसेना के 40 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों को लगाया गया था।
इसके अलावा, भारतीय नौसेना के समुद्री टोही विमान पी8आई, डोर्नियर्स, आईएल 38 एसडी, मानव रहित हवाई प्रणाली और मिग-29के युद्धक विमान (स्ट्राइक एयरक्राफ्ट) के साथ - साथ भारतीय वायुसेना ने एसयू 30 एमकेआई एवं जगुआर समुद्री युद्धक विमान (मेरीटाइम स्ट्राइक एयरक्राफ्ट), हवा में ईंधन भरने वाले विमान (फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट) और अवाक्स को भी इसमें शामिल किया गया था। इस अभ्यास में एयर डिफेन्स बैटरी सहित भारतीय थल सेना के विभिन्न अंगों को भी शामिल किया गया था। एक लंबे अंतराल के बाद, तटरक्षक बल के कई ओपीवी, एफपीवी और एयर कुशन वेसल्स ने भी अभ्यास ‘पश्चिम लहर’ में भाग लिया।
विभिन्न सेटिंग्स के तहत परिचालन संबंधी मिशनों एवं दायित्वों के सत्यापन के अलावा, इस अभ्यास के दौरान एक यथार्थवादी सामरिक परिदृश्य में विभिन्न प्रकार के हथियारों से फायरिंग की गई।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस अभ्यास ने भाग लेने वाले सभी बलों को कमान के दायित्व वाले क्षेत्रों में समसामयिक समुद्री चुनौतियों का जवाब देने के लिए यथार्थवादी परिस्थितियों में एक साथ मिलकर काम करने का अवसर प्रदान किया।
मनोहर राम
वार्ता