(अशोक टंडन से)
कोलकाता, 21 अप्रैल (वार्ता) पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में बंगला फिल्म इंडस्ट्री (टॉलीवुड) और रंगमंच की हस्तियों की धूम है और चुनाव की तारीख करीब आने के साथ ही ग्लैमर से भरपूर इनका चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है।
फिल्मी कलाकारों को चुनाव मैदान में उतारने के मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस बार भी बाजी मारी है और उसने ऐसी छह हस्तियों को उम्मीदवार बनाया है। इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐसे तीन लोगों को अपना प्रत्याशी बनाया है।
तृणमूल ने आसनसोल से मुनमुन सेन , वीरभूम से शताब्दी राय , घाटोल से दीपक अधिकारी , जादवपुर से मिमि चक्रवर्ती , बशीरहाट से नुसरत जहां और बेलूरघाट से अर्पिता घोष को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले 2014 के आम चुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस ने मुनमुन सेन , शताब्दी राय और दीपक अधिकारी के साथ ही संध्या राय और तॉपस पाल को चुनाव लड़ाया था , लेकिन इस बार संध्या राय एवं तॉपस पाल को दोबारा मौका नहीं दिया है।
दूसरी तरफ भाजपा ने केवल तीन फिल्मी हस्तियों को टिकट दिया है। उसने आसनसोल से बाबुल सुप्रियो , हुगली से लॉकेट चटर्जी और उलूबेरिया से जय बनर्जी को उम्मीदवार बनाया है। बीते जमाने की मशहूर अभिनेत्री मौसमी चटर्जी तथा विश्वजीत चटर्जी कुछ समय पहले ही भाजपा में शामिल हुये थे लेकिन पार्टी ने इन्हें चुनाव लड़ाने में दिलचस्पी नहीं ली। फिल्मी हस्तियों को चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बयान में कहा भी था कि पार्टी स्थानीय पृष्ठभूमि में सक्रिय और राजनीति में जनाधार वाले शख्स की उम्मीदवारी को अधिक तरजीह देगी।
कलाकार से नेता बनी हस्तियां जिन लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रही हैं उनमें सर्वाधिक दिलचस्प और आकर्षण का केंद्र वीरभूम और आसनसोल सीट है। वीरभूम में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार शताब्दी राय जीत की हैट्रिक लगाने के लिए जोर लगा रही है जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के गढ़ रहे बांकुरा में तृणमूल कांग्रेस का झंडा गाड़ चुकी मुनमुन सेन अब भाजपा के कब्जे वाली आसनसोल में पार्टी का परचम लहराने को कृत-संकल्प नजर आ रही है।
शताब्दी राय के प्रतिनिधित्व वाले वीरभूम सीट पर 1952 , 1957 , 1962 और 1967 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इसके बाद माकपा का स्वर्णिम काल आया और उसने तीन दशक से भी अधिक समय ( 1971 से 2009 ) तक वीरभूम पर राज किया। वर्ष 2009 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की ओर से शताब्दी राय ने माकपा के तिलस्म को तोड़ा और वीरभूम सीट को हथिया लिया। शताब्दी ने 2014 में वीरभूम पर अपना कब्जा बरकरार रखा और इस बार भी चुनाव नतीजे पक्ष में गए तो यह उनकी जीत की हैट्रिक होगी।
पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में एक और ‘हॉटसीट’ बनी आसनसोल में पार्श्वगायक बाबुल सुप्रियो और मूनमून सेन के बीच जबदस्त चुनावी जंग छिड़ी है। आसनसोल से मौजूदा भाजपा सांसद श्री सुप्रियो इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रहे है , जबकि बांकुरा से सांसद मूनमून अब बाबुल की सीट छीनने की जुगत में है । बाबुल ने 2014 में उस दौर में भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा और जीता , जब पश्चिम बंगाल में भाजपा को केवल दो ही सीटें हाथ लगी।
पिछले आम चुनाव में राज्य में महज दो सीट हासिल करने वाली भाजपा अपना जनाधार और सीटों की संख्या बढ़ाने की एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है , वहीं तृणमूल कांग्रेस भाजपा को उसकी दो सीटों से भी बेदखल करने की हरसंभव कोशिश कर रही है और आसनसोल से श्री सुप्रियो के मुकाबले सुश्री सेन को खड़ा करना उसकी इसी रणनीति का हिस्सा है ।
‘टॉलीवुड ’ हस्तियों की उम्मीदवारी वाले सीटों मे तीसरे चरण में 23 अप्रैल को बेलूरघाट , चौथे चरण में 29 अप्रैल को आसनसोल और वीरभूम , पांचवें चरण में छह मई को हुगली और उलूबेरिया , छठें चरण में 12 मई को घाटोल तथा सातवें एवं अंतिम चरण में 19 मई को बशीरहाट और जाधवपुर में मतदान होगा।
टंडन जय
वार्ता