भारतPosted at: Jan 23 2019 8:06PM फुल ड्रेस रिहर्सल में देश की सैन्य शक्ति और गौरवशाली परंपरा की झलक
नयी दिल्ली 23 जनवरी (वार्ता) गणतंत्र दिवस की तैयारियों में जुटे देश की विराट सैन्य शक्ति के प्रदर्शन और विविधता में एकता की छटा के साथ-साथ गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर की झलक आज राजपथ पर बिखरी दिखाई दी, सत्तरवें गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले भव्य समारोह से पहले फुल ड्रेस रिहर्सल में नारी शक्ति के नेतृत्व में सशस्त्र सेनाओं के मार्चिंग दस्तों ,बैंडों, लोक कलाकारों से सुस्सजित झांकियों के साथ -साथ स्कूली बच्चों ने संगीत और नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति दी।
परेड की शुरूआत ठीक दस बजे विजय चौक से हुई और राजपथ तथा इंडिया गेट से होते हुए डेढ घंटे बाद इसका समापन लाल किले पर हुआ। इस दौरान सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गयी तथा परेड रूट तथा उससे जुड़ी सड़कों पर आवाजाही बंद रही।
सेना के एम आई हेलिकॉप्टर से राजपथ और सलामी मंच पर पुष्प वर्षा के साथ परेड का आगाज हुआ। इसके बाद सबसे पहले सेना के दिल्ली मुख्यालय क्षेत्र के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफि्टनेंट जनरल असित मिस्त्री ने परेड के कमांडर तथा उनके बाद दिल्ली मुख्यालय क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल पूनिया ने परेड के सेेकेंड इन कमान के तौर पर सलामी मंच को सलामी दी। इसके बाद सेना के 3 परमवीर चक्र विजेता और 5 अशोक चक्र विजेता भी जीप में सवार होकर सलामी मंच से गुजरे। आजादी के बाद पहली बार आजाद हिन्द फौज के चार भूतपूर्व सैनिक भी परेड की शान बने और वे खुली जीप में सवार होकर निकले।
फुल ड्रेस रिहर्सल में नारी शक्ति की मौजूदगी पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक दिखाई दी। तीनों सेनाओं के मार्चिंग दस्ते की कमान महिला अधिकारियों के हाथ में थी और असम रायफल्स की ओर से तो पूरे दस्ते में महिला सैनिक ही कदमताल कर रही थी। इसके अलावा सेना की एक महिला अधिकारी ने मोटरसाइकिल पर करतबबाजी से दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर दिया।
संजीव
जारी वार्ता