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फर्जी शिक्षक प्रकरण में जवाब प्रस्तुत नहीं कर सकी सरकार

नैनीताल 23 सितंबर (वार्ता) सरकार उत्तराखंड में फर्जी शिक्षकों के मामले में बुधवार को भी उच्च न्यायालय में जवाब प्रस्तुत नहीं कर सकी है। इस मामले में अब अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ में हल्द्वानी की स्टूडेंट गार्जियन वेलफेयर कमेटी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से आज अदालत को बताया गया कि पूरे प्रकरण की जांच एसआईटी को सौंपी गयी है। अभी जांच पूरी नहीं हो पायी है।
दूसरी ओर आरोपी शिक्षकों खचेड़ू सिंह, ऋषिपाल व जयपाल सिंह की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि इस मामले में उनका पक्ष भी सुना जाये। अदालत की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता की ओर से उन्हें पक्षकार नहीं बनाया गया है। इसलिये तीनों की ओर से प्रार्थना पत्र वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
पिछली तिथि को सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि प्रदेश में 87 फर्जी शिक्षक चिन्हित किये गये हैं। इनमें से 61 के खिलाफ कार्रवाई की गयी है जबकि अन्य के खिलाफ कार्रवाई अमल में लायी जा रही है। इसी क्रम में याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि एसआईटी की जांच में जिन शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाये गये उनको दुबारा नियुक्ति दे दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि खचेड़ू सिंह, ऋषिपाल व जयपाल सिंह के दस्तावेज एसआईटी की जांच में फर्जी पाये जाने के बावजूद उन्हें पुनर्नियुक्ति दे दी गयी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिकारियों की भूमिका को भी संदिग्ध बताया गया है।
रवीन्द्र, रवि
वार्ता
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