भारतPosted at: Jul 16 2020 9:35PM फरज़ाद बी परियोजना से ओएनजीसी को बाहर किया ईरान ने
नयी दिल्ली ,16 जुलाई (वार्ता) भारत ने आज कहा कि ईरान ने फरज़ाद बी गैस परियोजना में भारतीय तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम को भविष्य में किसी उचित समय पर शामिल करने की सूचना दी है हालांकि चाबहार बंदरगाह से ज़ाहेदान तक रेल लिंक परियोजना में भारतीय कंपनी अभी तक शामिल है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि चाबहार बंदरगाह और चाबहार ज़ाहेदान रेल परियोजना को लेकर कई रिपोर्टें आयीं हैं। चाबहार भारत की 2003 की प्रतिबद्धता है जो 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान पूर्णत: परिचालित हो गयी। प्रतिबंधों के कारण उसमें कई दिक्कतें पेश आयीं लेकिन इस परियोजना में उल्लेखनीय प्रगति हुई। वर्ष 2018 से एक भारतीय कंपनी बंदरगाह का संचालन कर रही है। तब से कुल 82 पोतों से माल की आवाजाही हुई है जिनमें से 52 गत एक वर्ष में संचालित हुए हैं। बंदरगाह से 12 लाख टन माल और 8200 कंटेनरों की ढुलाई हुई है। इस बंदरगाह की क्षमता विस्तार का काम चल रहा है ताकि अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया तक अधिक माल पहुंचाया जा सके।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रस्तावित रेल परियोजना के लिए इरकान को चुना गया था। इरकॉन ईरान के रेल मंत्रालय की कंपनी सीडीटीआईसी के साथ काम रही है। इरकॉन ने साइट निरीक्षण और व्यावहार्यता रिपोर्ट पूरी कर दी है। इसके बाद वित्तीय चुनौतियों पर चर्चा भी हुई है। भारत ईरान संयुक्त आयोग की 19वीं बैठक में इस बारे में चर्चा हुई थी। ईरान को अपनी ओर से तकनीकी एवं वित्तीय मुद्दों पर विचार के लिए एक संस्था को इसके लिए नामित करना था।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि फरज़ाद बी गैस कुएं के उत्खनन को लेकर भी रिपोर्टें आयीं हैं जिसमें ओएनजीसी शामिल था। द्विपक्षीय सहयोग के बारे में विचार के दौरान ईरान ने नीतिगत बदलाव किया है और इस साल जनवरी में भारत को सूचित किया गया कि आने वाले दिनों में ईरान तेल कुएं को स्वयं विकसित करेगा और भारत को बाद में समुचित समय पर शामिल करेगा। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है।
सचिन जितेन्द्र
वार्ता