कोलकाता 19 अप्रैल (वार्ता) पश्चिम बंगाल में छठे चरण में चार जिलों के 43 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले हाई वोल्टेज चुनाव अभियान सोमवार की शाम थम गया।
इस चुनाव में राज्य में सत्तारुढ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीसरी बार अपनी सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी राज्य में सत्ता पर काबिज होने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस और वामपंथियों के बीच हुए गठबंधन के कारण गठित संयुक्त मोर्चा भी सत्ता के खेल में खुद को ‘डार्क हॉर्स’ मान रहा है।
राज्य में छठे चरण के चार जिलों के 43 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हो रहे हैं। जिलों में उत्तरी 24 परगना, नादिया, पूर्वी वर्द्धमान और उत्तर दिनाजपुर शामिल हैं।
कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने बाकी बचे तीन चरणों के प्रचार अभियान में कटौती की है। आयोग ने अनुमति वाले दिनों में शाम सात बजे से अगले दिन सुबह 10 बजे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है। आयोग ने मौन अवधि 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे करने का निर्णय लिया है जिसके कारण छठे चरण का चुनाव प्रचार आज शाम ही खत्म हो गया।
आयोग ने कोरोना दिशानिर्देशों की राजनीतिक दलों के नेताओं, प्रचार कर्ताओं तथा उम्मीदवारों की ओर से किये जा रहे उल्लंघन पर काफी सख्त है। इससे पहले पांच चरणों में राज्य में 294 विधानसभा सीटों में से 180 पर मतदान हो चुके हैं।
राज्य में छठे चरण में चार जिलों के 43 विधानसभा सीटों पर 27 महिला प्रत्याशियों समेत 306 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है।
करीब 50.65 लाख महिला मतदाताओं और 256 ट्रांस जेंडर मतदातों समेत 1.03 करोड़ से अधिक मतदाता इन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान के लिए 14,480 मतदान केंद्र बनाये गये हैं।
तृणमूल और भाजपा सभी 43 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने 37 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है जबकि संयुक्त मोर्चा से जुड़े मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने 23, कांग्रेस ने 12, एआईएफबी ने चार और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा 82 निर्दलीय और 60 अन्य भी अपने भाग्य को चुनौती पर रखे हुए हैं।
आज अंतिम दिन होने के कारण विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी, भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरान ने अलग-अलग क्षेत्रों में रोड शो किया तथा मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने की कोशिश की।
संजय
वार्ता