मनोरंजनPosted at: Jun 25 2020 12:30PM बिंदास अभिनय से पहचान बनायी करिश्मा कपूर ने
.जन्मदिन 25 जून .
मुंबई, 25 जून (वार्ता) बॉलीवुड में करिश्मा कपूर को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने अभिनेत्रियों को फिल्मों में परंपरागत रूप से पेश किये जाने के तरीके को बदलकर अपने बिंदास अभिनय से दर्शको के बीच अपनी खास पहचान बनायी।
25 जून 1974 को मुंबई में जन्मी करिश्मा कपूर को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता रणधीर कपूर अभिनेता जबकि मां बबीता जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थीं। करिश्मा ने बतौर अभिनेत्री अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म .प्रेम कैदी. से की। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका हरीश ने निभायी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी साथ ही करिश्मा कपूर के अभिनय को भी सराहा गया। फिल्म प्रेम कैदी की सफलता के बाद करिश्मा कपूर ने पुलिस ऑफिसर. जिगर अनाड़ी. अंदाज अपना अपना. दुलारा जैसी सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया। इन फिल्मों को दर्शकों ने पसंद तो किया लेकिन कामयाबी का श्रेय बजाये उनके फिल्म अभिनेताओं को अधिक दिया गया।
करिश्मा कपूर की किस्मत का सितारा वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म .राजा हिंदुस्तानी. से चमका। इस फिल्म में उनके नायक के रूप में आमिर खान थे। बेहतरीन गीत.संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने न करिश्मा कपूर को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया। वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म .दिल तो पागल है. करिश्मा कपूर के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनका मुकाबला माधुरी दीक्षित से था बावजूद इसके अपने सधे हुये अभिनय से वह दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही।
नब्बे के दशक में करिश्मा कपूर पर यह आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमरस किरदार ही निभाने में सक्षम है। इस छवि से बाहर निकालने में निर्माता..निर्देशक श्याम बेनेगल ने उनकी मदद की और उन्हें लेकर फिल्म .जुबैदा. का निर्माण किया। इस फिल्म में उन्होंने जुबैदा की टाइटिल भूमिका निभाई। फिल्म अभिनेत्री रेखा की मौजूदगी के बावजूद करिश्मा कपूर ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शको की वाहवाही लूटने में सफल रही। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर के समीक्षक पुरस्कार से सम्मानित की गयी।
करिश्मा कपूर ने दर्शको की पसंद को देखते हुये छोटे पर्दे का भी रूख किया और “करिश्मा” सीरियल से दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। वर्ष 2003 में बिजनेसमैन संजय कपूर से शादी करने के बाद करिश्मा ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया लेकिन बाद में फिल्म निर्माता सुनील दर्शन के जोर देने पर करिश्मा कपूर ने फिल्म .मेरे जीवन साथी. के जरिये फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से वापसी की। फिल्म में अपने एंटी किरदार से करिश्मा कपूर ने दर्शको को रोमांचित कर दिया।
करिश्मा कपूर के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेता गोविन्दा के साथ काफी पसंद की गयी। उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म .मुकाबला. में एक साथ पसंद की गयी। बाद में उनकी जोड़ी को फिल्मकारो ने अपनी फिल्मों में रिपीट किया। इन फिल्मों में राजा बाबू. दुलारा. खुद्दार. कुली नंबर वन. साजन चले ससुराल. हीरो नंबर वन. हसीना मान जायेगी .शिकारी. जैसी फिल्में शामिल है।
करिश्मा कपूर को उनके सिने करियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म .राजा हिंदुस्तानी. के लिये सर्वप्रथम उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म .दिल तो पागल है. के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्म फेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार .वर्ष 2000 में फिल्म .फिजा. के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया।
वर्ष 2012 में प्रदर्शित पिल्म डेंजरस इश्क से करिश्मा कपूर ने एक बार फिर से इंडस्ट्री मे एक बार फिर से वापसी की लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म सफल नहीं रही।करिश्मा कपूर ने अपने दो दशक लंबे सिने करियर में लगभग 60 फिल्मों में काम किया है।करिश्मा कपूर इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय नही है।