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ब्रह्मपुरा और ढींडसा ने भंग किये अपने राजनीतिक दल, चौथे मोर्चे के संकेत

चंडीगढ़, 19 अप्रैल(वार्ता) पंजाब में वर्ष 2022 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य में अभी से राजनीतिक हलचल शुरू होने और नये समीकरण बनने के संकेत मिलने लगे हैं।
शिरोमणि अकाली दल(टकसाली) अध्यक्ष और राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा और शिरोमणि अकाली दल(डेमोक्रेटिक) अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने आज अपने अपने राजनीतिक दलों को भंग करने की घोषणा कर राज्य में एकजुट होकर चौथा मोर्चा के गठन के संकेत दिये। दोनों नेताओं ने कहा कि वे अन्य समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाकर एक मई को नये राजनीतिक दल की घोषणा करेंगे। इन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने के लिये छह सदस्य समन्वय समिति का गठन किया गया है। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक रणजीत सिंह तलवंडी के यहां स्थित आवास पर हुई। दोनों नेता जल्द ही बरगाड़ी घटना को लेकर राज्यपाल से मुलाकात कर पीड़ितों के लिये इंसाफ की मांग भी करेंगे।
बाद में जारी की गई एक प्रैस विज्ञप्ति में समिति के प्रधान प्रवक्ता करनैल सिंह पीरमोहम्मद ने बताया कि पंजाबियों की अपेक्षाओं और अकांक्षाओं के मद्देनजर श्री ब्रह्मपुरा और श्री ढींडसा अब एक साझा मंच पर आ गये हैं। उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय समिति में उनके अलावा जत्थेदार उजागर सिह बडाली, जत्थेदार महिंदर सिंह हुसैनपुर, जगदीश सिंह गरचा, रणजीत सिंह तलवंडी और शिंदरपाल सिंह बराड़ को सदस्य बनाया गया है।
श्री पीरमोहम्मद के अनुसार श्री ब्रह्मपुरा और श्री ढींडसा ने कहा है कि मई के पहले हफ्ते में एक मजबूत राजनीतिक संगठन का ऐलान किया जाएगा जो प्रदेश की राजनीति में चौथे मोर्चे का रूप लेगा तथा समान विचारधारा वाले दलों को इसके तले लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चौथा मोर्चा आगामी विधानसभा चुनावों में ऐसे राजनीतिक दलों को हराने का प्रयास करेगा जिन्होंने पंजाब को कथित तौर पर डुबोने का काम किया है। उल्लेखनीय है कि राज्य में इस समय सत्तारूढ़ कांग्रेस के अलावा विपक्ष में आम आदमी पार्टी(आप) और शिरोमणि अकाली दल(शिअद) को मिला कर केवल तीन प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
पंथक नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध कर कृषि कानून रद्द करने सम्बंधी किसानों की मांगे मान लेने का अनुरोध किया है। इन नेताओं ने दावा किया कि कैप्टन सरकार और बादल परिवार फ्रैंडली मैच खेल रहे हैं और पंजाब इसका खमियाजा भुगत रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुये कहा कि उन्होंने गत विधानसभा चुनावों में बरगाड़ी घटना के पीछे की असली ताकतों को बेनकाब कर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, पीड़ितों को न्याय दिलाने तथा किसानों के कर्ज माफ करने समेत अनेक बड़े बड़े वादे किये थे लेकिन असलीयत यह रही कि उन्होंने और बादलों ने पंजाब को कथित तौर पर अच्छी तरह लूटा।
दोनों पंथिक नेताओं के अनुसार वे पंजाब की भलाई के लिये विधानसभा चुनावाें में लोगों के समक्ष चौथे मोर्चे को एक विकल्प के तौर पर पेश करेंगे। इस मौके पर समन्वय समिति के सभी सदस्यों के अलावा साहिब सिंह वडाली, रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा, हरदित सिंह और बलजिंदर सिंह अटलाटा भी मौजूद थे।
सं.रमेश1943वार्ता
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