भारतPosted at: Aug 5 2020 8:07PM बाल श्रम निषेध समझौते को मिला पूरे विश्व का समर्थन
नयी दिल्ली 05 अगस्त (वार्ता) अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध समझौते को वैश्विक मान्यता दिलाने की नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी की लगभग 22 साल पहले शुरू की मुहिम उस समय पूरी हो गयी जबकि दक्षिण प्रशांत महासागरीय देश टोंगा ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिये।
श्री सत्यार्थी ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी और बताया कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन - आईएलओ के 187वें और अंतिम सदस्य टोंगा ने भी वैश्विक बाल श्रम निषेध समझाैते पर चार अगस्त को हस्ताक्षर कर दिये। इसके साथ ही यह इतिहास में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक समर्थन वाला समझौता हो गया है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम के खिलाफ आंदोलन का आज ऐतिहासिक दिन है। बाल श्रम निषेध करने के लिए आईएलओ के समझौते -182 को अब इसके सभी सदस्य देशों ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस अंतरराष्ट्रीय कानून की मांग भारत की धरती से ही उठी थी।
इस समझौते को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता श्री सत्यार्थी के प्रयास से करीब 22 साल पहले पारित किया था। इस पर हस्ताक्षर करने वाला देश बाल श्रम को खत्म करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाता है।
श्री सत्यार्थी ने कहा कि आज का दिन उन लाखों बच्चों और कार्यकर्ताओं की जीत का दिन है, जिन्होंने बाल श्रम के खिलाफ ‘ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ के तहत 103 देशों की 80,000 किलोमीटर की लंबी दूरी तय की थी।
सत्या, यामिनी
वार्ता