पटना 28 नवंबर (वार्ता) बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आज आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कारण प्रदेश में लोगों को बिजली महंगी मिल रही है जिससे लोग परेशान हैं।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह ने रविवार को यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वर्ष 2003 में बिजली अधिनियम आया था और उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार में मंत्री के पद पर थे। श्री कुमार आज देश में बिजली की कीमत का एक दर किए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में श्री कुमार ने केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए बिजली सबसे ज्यादा दर चार रुपए प्रति यूनिट निर्धारित करवाया था। श्री कुमार की इसी गलती के कारण प्रदेश की जनता आज परेशान है।
श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2003 में तब बिहार में राजद की सरकार थी। बिहार गरीब राज्य होने के बावजूद भी बाढ़ में थर्मल प्लांट के लिए जमीन एवं अन्य संसाधन तथा बाजार दर पर बिजली की खरीद करने के लिए पत्र दिया था। बिहार देश का अकेला राज्य है, जिसकी बिजली उत्पादन शून्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांटी और बरौनी समेत अन्य थर्मल पावर स्टेशन को बेच दिया गया है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजद लालटेन युग में नहीं जाना चाहता है। हम हमेशा आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस के घरों में आज भी लालटेन जल रही है, उनके विकास के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ ही पार्टी हमेशा से लड़ती आ रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। राजद जब सत्ता में थी तब बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षक, इंजीनियर, प्रोफेसर समेत अन्य पदों को भरा जाता था लेकिन आज लूट मची है।
उपाध्याय सूरज
वार्ता