वाराणसी, 27 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने सोमवार को यहां कहा कि गंगा नदी हमारी सभ्यता एवं संस्कृति से जुड़ी हुई हैं। सरकार ‘भागीरथ सर्किट’ के तहत गंगा किनारे के गाँवों में पर्यटन विकास के मद्देनजर अनेक प्रकार के विकास कार्य करेगी।
डॉ तिवारी ने सोमवार को वाराणसी के चौका घाट स्थित सांस्कृतिक संकुल अर्बन हाट में ‘गंगा यात्रा एवं विकास’ पर आधारित एक चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश के बिजनौर एवं बलिया से गंगा यात्रा की शुरुआत की गई है। मंगलवार एवं बुधवार को वाराणसी में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाऐंगे। यह यात्रा 31 जनवरी को कानपुर में पहुंचेगी। गंगा यात्रा 27 जिले, 21 नगर निकाय एवं 38 ग्राम पंचायत होते हुए 1358 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी।
उन्होंने कहा कि पवित्र गंगा हमारी सभ्यता एवं संस्कृति से जुड़ी हुई है। इस जीवनदायिनी नदी के किनारे के गांवों को चिन्हित कर पर्यटन की दृष्टि से उसमें गेस्ट हाउस, पार्क, पाथवे आदि विकसित किए जाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा ‘भागीरथ सर्किट’ बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया है। पर्यटन विभाग को डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसे शीघ्र सरकार को भेजा जाएगा।
मंत्री डॉ नीलकंठ खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि ‘भागीरथ सर्किट’ विकसित होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और गंगा के किनारे के गांवों में रहने वालों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
उन्होंने कहा कि पवित्र गंगा नदी देश का मान बढ़ाती हैं एवं दुनियां भारत में खास पहचान दिलाती। मानव समाज का गंगा से युगों-युगों का नाता है। गंगा नदी माता के रुप में जानी जाती है। यह भारत की आत्मा है। इसकी अविरल एवं निर्मल गंगा धारा हम सबके जीने का सहारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार वाराणसी लोक सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरने के लिए आए थे, तो उन्होंने कहा था कि ‘मुझे गंगा ने बुलाया है।’
डॉ0 तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री गंगा की स्वच्छता बनाए रखते हुए इसकी निर्मलता एवं अविरलता पर बाराबर जोर देते हैं। इसके लिए लोगों में जन चेतना एवं जन जागरूकता पैदा किए जाने के उद्देश्य से श्री योगी द्वारा गंगा यात्रा शुरु की गई है।
गौरतलब है कि यात्रा के दौराना मां गंगा के प्रति जनचेतना जागृत करने के उद्देश्य से वाराणसी में दो जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा चार-पांच स्थानों पर स्वागत तथा सम्मान किये जाने का कार्यक्रम है। वाराणसी में गंगा यात्रा 28 जनवरी को पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे गाजीपुर की ओर से सड़क मार्ग से रजवाड़ी गांव से प्रवेश करेगी। यात्रा का रजवाड़ी एवं विकासखंड चिरईगांव के संदहा तिराहा पर फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया जाएगा। चिरईगांव से यात्रा सड़क मार्ग से राजघाट पहुंचेगी, जहां पर उसी दिन अपराह्न लगभग दो बजे गंगा के प्रति जनचेतना जागृत करने के उद्देश्य से जनसभा आयोजित की जाएगी। शाम को गंगा यात्रा में आए अतिथि दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होंगे तथा रात्रि विश्राम वाराणसी में करेंगे।
दूसरे दिन 29 जनवरी को प्रातः अस्सी घाट पर गंगा अर्चन का कार्यक्रम रखा गया है। इसके बाद खिड़कियां घाट से रामनगर तक गंगा नदी में जल यात्रा कर ‘गंगा यात्रा’ रामनगर पहुंचेगी। रामनगर में प्रभु नारायण राजकीय इंटर कॉलेज में पूर्वाहन साढे 10 बजे जनसभा होगी। इसके बाद गंगा यात्रा 29 जनवरी को राष्ट्रीय राजमार्ग होते हुए चुनार की ओर प्रस्थान करेगी। चुनार रोड पर वाराणसी के सीमावर्ती गांव अखरी चौराहा एवं बछाव में भी गंगा यात्रा का मानव श्रृंखला बनाकर स्वागत सम्मान किया जाएगा।
वाराणसी में चोलापुर, चिरईगांव एवं काशीविद्यापीठ विकास खंडों में गंगा किनारे की 44 ग्राम सभाओं को चिन्हित किया गया है। इन क्षेत्रों में पंचायत, स्वास्थ्य, शिक्षा, पशुपालन, कृषि आदि विभिन्न विभागों द्वारा व्यापक स्तर पर विकास एवं कल्याणकारी कार्यक्रम तथा जागरूकता कार्यक्रम शुरू कर दिये गए हैं जो यात्रा के दौरान तक चलते रहेंगे।
बीरेंद्र भंडारी
वार्ता