जयपुर, 17 फरवरी (वार्ता) राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरक्षण खत्म करने के बयान की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा न कभी आरक्षण खत्म करने के पक्ष में थी और न ही केन्द्र सरकार कभी आरक्षण खत्म करेगी।
डाॅ. पूनियां ने आज विधानसभा परिसर में पत्रकारों से कहा कि देश में पहली बार वंचितों और शोषितों को आरक्षण बाबासाहेब अंबेडकर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने दिया। जिसमें सिर्फ कांग्रेस का ही योगदान नहीं है। इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए जनता पार्टी ने मंडल कमीशन बनाया। वर्ष 1990 में भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार ने मंडल कमीशन लागू करके अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस आरक्षण को आगे बढ़ाया और मोदी जी ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का बार-बार यह विलाप करना कि भाजपा आरक्षण समाप्त कर देगी, यह वंचित और शोषित वर्ग को गुमराह करने का षड्यंत्र मात्र है। हाल ही में आया सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय, केवल उत्तराखंड राज्य में दायर याचिका के लिए ही है, न तो यह नीतिगत निर्णय है और न ही इससे आरक्षण समाप्त होने वाला है। अन्य राज्य आरक्षण को लेकर के अपनी नीति बनाने के लिए स्वतंत्र है। इस निर्णय से केन्द्र की मोदी सरकार का कोई लेना देना नहीं है।
डाॅ. पूनियां ने परिवहन विभाग में पकड़े गए मासिक बंधी के भ्रष्टाचार को लेकर कहा कि सरकार का अभी से ही यह हाल है तो, कैसे निकलेंगे बाकी के चार साल। डाॅ. पूनियां ने कहा कि इस कालिख से यह सरकार बच नहीं पाएगी।
डाॅ. पूनियां ने कांग्रेस के सत्ता और संगठन में समन्वय पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार धड़ों में बंटी हुई साफ-साफ नजर आ रही है। सरकार और संगठन में समन्वय बिठाने के लिए जो समिति बनाई थी, उसी समिति के आधे लोग बैठक में उपस्थित नहीं हुए। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मध्य चल रहा सत्ता का संघर्ष चरम पर है, उनके मंत्रियों के बीच में चल रही आपस की खींचतान, विधायकों के मंत्रियों पर आरोप और मंत्रियों का अपने विभाग के अधिकारियों पर उनके मनमुताबिक काम न करने का आरोप सरकार की कलई खोलता है।
सुनील
वार्ता