नयी दिल्ली/कैनबरा 04 जून (वार्ता) भारत एवं ऑस्ट्रेलिया ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को सामरिक साझेदारी को समग्र सामरिक साझेदारी के स्तर पर लाने तथा हिन्द प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए समान दृष्टिकोण पर समुद्री सहयोग बढ़ाने की घोषणा की तथा खनन, साइबर सुरक्षा, रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जल संसाधन, लॉजिस्टिक सपोर्ट सहित सात क्षेत्रों के सहयोग के दस्तावेजों पर आज हस्ताक्षर किये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन के बीच आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई पहली वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर बैठक के दौरान ये फैसले लिये गये। बैठक के बाद दोनों देशों ने समग्र रणनीतिक साझेदारी पर संयुक्त वक्तव्य तथा द्विपक्षीय समुद्री सहयोग पर एक साझा दृष्टिपत्र जारी किये।
दोनों देशों ने जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये उनमें साइबर एवं साइबर आधारित संवेदनशील प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग, महत्वपूर्ण एवं सामरिक महत्व के खनिजों के खनन, परस्पर लॉजिस्टिक सपोर्ट, रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग, सामान्य प्रशासन एवं शासन में सुधार, व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण तथा जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के करार शामिल हैं।
समग्र रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत दोनों देशों की नौसेनाएं हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सूचनाओं के आदान प्रदान बढ़ाकर समुद्री सुरक्षा मजबूत करने का काम करेंगी तथा दोनों देशों के तटरक्षक बलों एवं असैन्य समुद्री एजेंसियों के बीच भी सहयोग को बढ़ाया जाएगा। इससे हिन्द प्रशांत क्षेत्र में भारत अमेरिका जापान एवं ऑस्ट्रेलिया के चतुर्पक्षीय गठजोड ‘क्वाड’ को बल मिलेगा।
समुद्री सहयोग संबंधी दृष्टिपत्र में कहा गया कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक, सुरक्षा एवं पर्यावरण संबंधी चुनौतियाें को लेकर दोनों देशों की चिंताएं एक समान हैं। इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के अनुसार स्वतंत्र नौवहन के साथ साथ समु्द्री जल को प्रदूषण से बचाने तथा अवैध एवं अनियंत्रित ढंग से मछली पकड़ने को रोकने के बारे में प्रबंध करेंगे।
दोनों देशों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के आर्थिक प्रभावों से निपटने और लोगों की जान बचाने के लिए वैश्विक सहयोग के महत्व को रेखांकित किया और निर्णय लिया कि वे इस महामारी की प्रभावी रोकथाम के लिए मेडिकल एवं वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास के परिणामों एवं लाभोें को साझा करेंगे और चिकित्सा प्रणाली को मजबूत करेंगे।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में दोनों देशों ने समग्र आर्थिक सहयोग करार (सीका) पर द्विपक्षीय वार्ता फिर से शुरू करने का भी फैसला किया है। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त वक्तव्य में दोनों देशों ने आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए बड़ी चुनौती बताया है। भारत ने आने वाले दिनों में आतंकवादियों के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के विषय में एक सम्मेलन बुलाने की योजना बनायी है जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने भाग लेने की स्वीकृति प्रदान की है।
सचिव (पूर्व) ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत का वातावरण गर्मजोशी भरा एवं सकारात्मक था। बैठक में गंभीर विषयों पर चर्चा के बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने समोसा के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह अगली बार मोदीमोसा और गुजराती खिचड़ी भी बनाएंगे।
सचिन जितेन्द्र
वार्ता