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दुनिया


भारत और मॉरीशस मिलकर करेंगे गीता का प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में

पोर्ट लुई, 16 फरवरी(वार्ता) भारत और मॉरीशस मिलकर गीता का प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में करेंगे। इसी संकल्प के साथ यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का समापन मंत्रोच्चारण एवं आध्यात्मिक वातावरण में हो गया।
समापन समारोह में भारी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने दोनों हाथ उठाकर ओउम के उच्चारण के साथ गीता का प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में करने का संकल्प लिया। समारोह में मॉरीशस के कार्यकारी राष्ट्रपति परमशिवम पिल्लै व्योपुरी, मिनिस्टर मेंटर अनिरूद्ध जगन्नाथ, कला एवं संस्कृति मंत्री पृथ्वी राज सिंह रूपन, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अनेक साधु-संतों, सामाजिक, धार्मिक और अन्य नागरिक संगठनों ने भाग लिया।
इस अवसर पर श्री जगन्नाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत और मॉरीशस के बीच जो सांस्कृतिक सम्बन्ध हैं वे आने वाली पीढ़ियों के बीच और भी मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष मॉरीशस को विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन करने का अवसर प्राप्त हुआ था और इस साल भारत से बाहर पहले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन का सौभाग्य मिला है। उन्होंने गीता के महत्व पर प्रकाश डाला और इस आयोजन में सहयोग करने के लिए हरियाणा सरकार, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड, जीओ गीता, इंडिया-मॉरीशस व्यापाार एवं सांस्कृतिक फोरम समेत सभी संस्थाओं का आभार प्रकट किया।
श्री खट्टर ने इस अवसर पर मॉरीशस की जनता को विश्वास दिलाया कि यहां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन के लिए हरियाणा हर सहायता एवं सहयोग देता रहेगा। उन्होंने कहा कि हम भारत में उन नगरों को लघु भारत कहते हैं जिनमें विभिन्न राज्यों के लोग रहते हैं, लेकिन यहां मुझे भारत के बाहर भी एक लघु भारत देखने को मिल रहा है, क्योंकि यहां वे लोग रहते हैं जिनका सम्बन्ध भारत के अधिकांश राज्यों से है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता अत्यंत विस्तृत एवं व्यापक है। यह सब समस्याओं का समाधान है। समस्याएं अनेक-समाधान एक और वह है गीता। इसी प्रकार प्रश्न अनेक-उत्तर एक और वह है गीता। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले मॉरीशस और भारत के कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए पांच-पांच लाख रूपये की राशि देने की भी घोषणा की।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज ने अपने सम्बोधन में विश्वास व्यक्त किया कि मॉरीशस में यह महोत्सव पहला और अंतिम नहीं होगा बल्कि अन्य देशों में इसे आगे बढ़ाने का आधार बनेगा। उन्होंने कहा कि पावन गंगा और गीता की आरती से इस महोत्सव का समापन किया जा रहा है क्योंकि मॉरीशस के लोगों की गंगा और गीता में गहरी आस्था है। भारत से यहां आने वाले लोगों की परम्परा रही है कि वे भारत से गंगाजल लाकर उसे यहां के पावन गंगा तालाब में विसर्जित करते रहे हैं।
मॉरीशस के कला एवं संस्कृति मंत्री पृथ्वी राज सिंह रूपन ने भी समापन समारोह में अपने विचार रखे। इस अवसर पर मॉरीशस की संस्कृत स्पीकिंग यूनियन ने श्रीकृष्ण का भक्ति गीत प्रस्तुत किया। मॉरीशस-तमिल सांस्कृतिक केंद्र ट्रस्ट ने कृष्ण वर्णन नृत्य प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भक्ति संगीत के रस में डुबो दिया। भारत के उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों ने राजस्थान का भवानी नृत्य तथा बरसाने की होली और निफा संस्था और मॉरीशस के कलाकारों ने गीता सार प्रस्तुत किया।
समापन समारोह में मॉरिशस में भारत के उच्चायुक्त तन्मय लाल, हरियाणा के सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरो, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य सचिव विजय सिंह दहिया आदि भी उपस्थित थे।
श्री खट्टर ने यहां ऐतिहासिक वोटेनिकल गार्डन में भारत-मॉरीशस मैत्री के प्रतीक के रूप में पौधारोपण किया। इस गार्डन में यहां विदेशों से आने वाली हस्तियों के सम्मानस्वरूप और उनकी स्मृति के रूप में पौधारोपण की परम्परा है। इसमें 800 प्रजातियों के पेड़ हैं। मुख्यमंत्री ने दीर्घजीवी फंगम पेड़ का पौधा लगाया और कहा कि यह दीर्घकाल तक भारत-मॉरीशस के भावनात्मक सम्बन्धों में अपनेपन की याद दिलाता रहेगा। उन्होंने कहा कि इस गार्डन में लगाए गए पौधे के रूप में मेरी यादगार यहां हमेशा बनी रहेगी। आज पूरी दुनिया वातावरण को स्वच्छ करने के लिए प्रयासरत है और इस दिशा में अधिकाधिक पौधे लगाना अत्यंत कारगर है। उन्होंने बताया कि सरकार ने हरियाणा में पौधारोपण को बढ़ावा दिया है। इसके लिए विद्यार्थियों को प्रेरित कर उनसे 26 लाख पौधे लगवाए गए हैं। साथ ही तीन साल तक अपने-अपने पौधे की देखभाल भी विद्यार्थी करते हैं। विद्यार्थी हर छह माह बाद अपने पौधे के साथ अपनी फोटो प्रस्तुत करता है तो उसे प्रोत्साहन के रूप में 50 रूपये दिए जाते हैं। उन्होंने गार्डन की विजीटर बुक में अपने उद्गार भी व्यक्त किए।
उन्होंने बाद में मॉरीशस की मुख्य फसल गन्ने के खेतों का निरीक्षण किया और गन्ने की पैदावार के लिए नवीनतम तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने गन्ना उद्योग के संग्रहालय ‘एडवेंचरडू सुकरे’जाकर मॉरीशस के गन्ना उद्योग के इतिहास और इसके द्वारा मॉरीशस के विकास में किए जा रहे योगदान की जानकारी भी प्राप्त की।
रमेश2013वार्ता
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