नयी दिल्ली 22 मार्च (वार्ता) राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित पांच दिवसीय ‘भारतेंदु नाट्य उत्सव’ के तीसरे दिन बुधवार को प्रसिद्ध भारतीय लेखक, कवि, उपन्यासकार सच्चिदानन्द हीरानंद वात्स्यायन का नदी के द्वीप पर आधारित ‘अन्तराल’ नाटक प्रस्तुत किया गया।
‘अन्तराल’ नाटक कबीर खान द्वारा निर्देशित और रजनीश मन्नी ने रूपांतरित किया गया है। इस नाटक को लोगों द्वारा सराहा गया है।
इसके अलावा, अनुरागना थिएटर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत और अशरफ अली द्वारा निर्देशित गुरुवार को जूलियस सीज़र नाटक को प्रस्तुत किया जाएगा। दिल्ली में आयोजित पांच दिवसीय उत्सव 20 मार्च से 24 मार्च तक जारी है। हर वर्ष ‘भारतेंदु नाट्य उत्सव’ दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद और सांस्कृतिक विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है।
‘अन्तराल’ नाटक के माध्यम से निर्देशक का उद्देश्य कई प्रतीकों, चित्रों और कविता का उपयोग करके व्यक्तियों के आंतरिक जीवन को प्रदर्शित करना रहा। इस नाटक में तीन पात्र हैं। इनमें एक पुरुष और दो महिला पात्र है और तीनों में एक-दूसरे के प्रति प्रेम को दर्शाया गया है।
दरअसल, पांच दिन के इस उत्सव के माध्यम से हर साल अभिनेताओं, निर्देशकों और लेखकों को अपना हुनर प्रदर्शित करने के लिए एक मंच दिया जाता है, जो लोगों के लिए रचनात्मक प्रदर्शन कलाएं प्रस्तुत करते हैं। करीब 40 वर्षों से आयोजित होने वाला यह महोत्सव थिएटर प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन मंच देता है। इस उत्सव में हर दिन एक नाटक को प्रदर्शित किया जाएगा।
पहले दिन जे.पी. सिंह द्वारा निर्देशित जयवर्धन की ‘छोड़ो कल की बातें’ नाटक प्रस्तुत किया गया। इसके बाद, भूपेश जोशी द्वारा निर्देशित नाटक ‘मन के भंवर’ को मंगलवार को प्रदर्शित किया गया, जिसे पद्मश्री डी.पी. सिन्हा ने लिखा है। अनुरागना थिएटर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत और अशरफ अली द्वारा निर्देशित गुरुवार को ‘जूलियस सीज़र’ नाटक को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे मुख्य रूप से विलियम शेक्सपियर द्वारा रचा गया है। वहीं उत्सव के अंतिम दिन यानि शुक्रवार को ‘एक आवाज़ मोहब्बत की - ललेश्वरी’ प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक, लेखक और कवयित्री काजल सूरी रुबरू समूह द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।
श्रद्धा.संजय
वार्ता