जेनेवा, 15 नवंबर (वार्ता) विकासशील देशों में लाखों सफाई कर्मचारी अत्यंत बुरी परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर हैं जिससे उनका स्वास्थ्य और जीवन खतरे में होने के साथ-साथ उनके सम्मान और मानवाधिकारों का भी उल्लंघन हो रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार सफाई कर्मचारी अनिवार्य जन सेवा करते हैं जो मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। वे अक्सर समाज के वंचित, गरीब और भेदभाव से पीड़ित लोग होते हैं। वे बिना किसी उपकरण अौर सुरक्षा के काम करते हैं और उनके पास कानूनी अधिकार भी नहीं हैं।
डब्ल्यूएचओ के जन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण विभाग की निदेशक मारिया नीरा ने कहा, “सफाई कर्मचारियों ने दुनिया में जन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है लेकिन ऐसा करने के दौरान उनकी अपनी ही सेहत खतरे में पड़ गई है। यह अस्वीकार्य है।”
उन्होंने कहा, “हमें इन लोगों के लिए कम करने की स्थिति में सुधार करना होगा ताकि हम जल और स्वच्छता के वैश्विक लक्ष्यों को पा सकें।”
विश्व स्वाथ्य संगठन के अलावा अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, वाटर एड और विश्व बैंक ने विकासशील देशों में सफाई कर्मचारियों की स्थिति पर इस रिपोर्ट को तैयार करने में योगदान दिया है ताकि सफाई कर्मचारियों की अमानवीय कार्य स्थिति को लेकर जागरूकता बढ़ायी जाये और बदलाव लाया जाये।
प्रियंका, यामिनी
वार्ता