भोपाल 24 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मानव अधिकार हनन के एक दर्जन से अधिक मामले में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है, आयोग द्वारा यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार भोपाल शहर के जेपी अस्पताल में पांच में से चार लिफ्ट खराब होने, जांच से लेकर सर्जरी से दूसरी और तीसरी मंजिल पर होने से मरीजों के परेशान के मामले में संबंधित अधिकारयों से 15 दिन में प्रतिवेदन मांगा है।
आयोग ने गुना जिले के राघौगढ़ थाना क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम गौमुख में जमीनी विवाद को लेकर गांव के ही दबंगों द्वारा एक दलित व्यक्ति की अंगुली काटकर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। इसके बावजूद भी पुलिस द्वारा सामान्य मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस अधीक्षक गुना से जांच कराकर आरोपियों की गिरफतारी के संबंध में अब तक की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
वहीं देवास जिले के बागली आदिवासी अंचल में स्थित शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जगह-जगह गन्दगी फैली होने, कंडम एम्बुलेंस तथा अन्य अव्यवस्थाओं के चलते मरीजों को हो रही परेशानी के मद्देनजर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
इसके अलावा भिण्ड जिले के मौ कस्बे में बीपीएल कार्डधारियों के पास राशन की पर्ची न होने से उनको पिछले एक साल से राशन न मिल पाने के मामले में कलेक्टर से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। मण्डला जिले की ग्राम पंचायत पौंडी के रहने वाले फटेहाल मजदूर सीताराम डोंगरे के परिवार के पास सिर छुपाने की जगह न होने के कारण उन्हें राशन की दुकान में नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर होने के मामले में कलेक्टर से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
इसी प्रकार मुरैना जिला मुख्यालय के छात्र शिवम तिवारी ने थाने में आवेदन देकर एक आरक्षक द्वारा उसके साथ अनर्गल मारपीट किये जाने की शिकायत कर पुलिसकर्मी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। इस मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक से पीड़ित छात्र की मेडिकल रिपोर्ट सहित एक माह में जांच प्रतिवेदन मांगा है।
इसी तरह अनूपपुर जिला मुख्यालय के समीप संचालित निजी स्कूल सनबीम कान्वेन्ट द्वारा भारी भरकम फीस वसूले जाने के बावजूद इस स्कूल में बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था तथा खेलकूद की व्यवस्था न होने के मामले में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं जिला शिक्षा अधिकारी से एक माह में जांच प्रतिवेदन मांगा है।
आयोग ने जबलपुर जिले में जबलपुर सिविल अस्पताल की एक स्टाॅफ नर्स की लापरवाही के कारण नवजात की मौत हो जाने के मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। दूसरे मामले में जिले के बघराजी धान खरीदी केन्द्र के पास कुछ बच्चों खेल रहे थे। अधिकारियों को बच्चों का खेलना इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने बच्चों को पकड़वाकर कुर्सियों से बांधकर डंडों से पिटाई कर दी। इस मामले में पुलिस अधीक्षक से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। तीसरे प्रकरण में जबलपुर में नगर निगम द्वारा घरों में प्रदूषित पानी सप्लाई किये जाने के मामले में कलेक्टर एवं आयुक्त नगर निगम से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
सतना जिले के कोलगवां थाने के नगर निरीक्षक द्वारा एक महिला को पीटने के मामले में पुलिस अधीक्षक से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। सिवनी जिले के घंसौर ब्लाॅक के अन्तर्गत ग्राम कुडोठार में एक दबंग व्यक्ति द्वारा पीएचई विभाग के जिम्मेदारों से सांठगांठ कर पानी का निजी उपयोग किया जा रहा था, जबकि क्षेत्र के अन्य हैंडपंप खराब होने के कारण आम ग्रामीण पानी को तरस रहे हैं। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
वहीं दूसरी ओर कटनी जिले के माधवनगर स्थित बालक आवासीय छात्रावास में वार्डन एवं चैकीदार द्वारा छात्रों की बेरहम पिटाई किये जाने के मामले में आयोग ने कलेक्टर से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। सिंगरौली जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दवा का वितरण न होने तथा चिकित्सकों द्वारा मरीजों को बाहर की दवा लिखकर उन्हें परेशान करने के मामले में कलेक्टर से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
श्योपुर जिले के वर्धा खुर्द गांव में सभी हैण्ड पम्प खराब होने के कारण ग्रामीण लोग दो किलोमीटर दूर से कुएं से पीने का पानी ला रहे हैं। इस मामले में आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने कलेक्टर से मामले की पूर्ण जांच कराकर पेयजल की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर 15 दिन में प्रतिवेदन मांगा है।
नाग
वार्ता